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प्रश्न 27. निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
बूझत स्याम कौन तु गोरी।
कहाँ रहति काकी है बेटी, देखी नहीं कबहूँ ब्रज-खोरी॥
काहे को हम ब्रज-तन आवति, खेलत रहतिं आपनी पोरी।
सुनत रहतिं नवननि नंद ढोटा, करत फिरत माखन दधि चोरी ॥
तुम्हरो कहा चोरि हम लैहें, खेलन चलो संग मिलि जोरी।
सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि, बातनि भुरई राधिका भोरी॥
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भावार्थ :-- राधा के प्रथम मिलन का इस पद में वर्णन किया है सूरदास जी ने। श्रीकृष्ण ने पूछा कि हे गोरी! तुम कौन हो? कहां रहती हो? किसकी पुत्री हो? हमने पहले कभी ब्रज की इन गलियों में तुम्हें नहीं देखा। तुम हमारे इस ब्रज में क्यों चली आई? अपने ही घर के आंगन में खेलती रहतीं। इतना सुनकर राधा बोली, मैं सुना करती थी कि नंदजी का लड़का माखन की चोरी करता फिरता है। तब कृष्ण बोले, लेकिन तुम्हारा हम क्या चुरा लेंगे। अच्छा, हम मिलजुलकर खेलते हैं। सूरदास कहते हैं कि इस प्रकार रसिक कृष्ण ने बातों ही बातों में भोली-भाली राधा को भरमा दिया।