arjun4144
2094/155, गणेश पूरा त्रि नगर, दिल्ली 20 जुलाई, 2015 प्रिय अंकिता, सप्रेम नमस्कार। कल ही तुम्हारा पत्र मिला, जिसे पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई कि तुम इस बार कक्षा में प्रथम आई हो। आशा करती हूँ कि तुम कुशल होगी। मैं यह पत्र तुम्हें अपने जन्मदिन के समारोह पर निमंत्रित करने के लिए लिख रही हूँ जैसा कि तुम्हें मालूम है कि 14 अगस्त को मेरा जन्मदिन हैं, इस बार मेरे माता-पिता ने छोटे से समहारों का आयोजन किया है। कार्यक्रम शाम को 4 बजे शुरू होगा और रात को 8 बजे रात्रिभोज तक चलेगा। मैं आशा करती हूँतुम जरूर आओगी। अपने भाई को भी साथ जरूर लाना। मैं बेसबरी से तुम्हारा इंतज़ार करूँगी। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना व अमन को प्यार। तुम्हारी सखी नेहा
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त्रि नगर, दिल्ली
20 जुलाई, 2015
प्रिय अंकिता,
सप्रेम नमस्कार।
कल ही तुम्हारा पत्र मिला, जिसे पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई कि तुम इस बार कक्षा में प्रथम आई हो।
आशा करती हूँ कि तुम कुशल होगी। मैं यह पत्र तुम्हें अपने जन्मदिन के समारोह पर निमंत्रित करने के लिए लिख रही हूँ जैसा कि तुम्हें मालूम है कि 14 अगस्त को मेरा जन्मदिन हैं, इस बार मेरे माता-पिता ने छोटे से समहारों का आयोजन किया है। कार्यक्रम शाम को 4 बजे शुरू होगा और रात को 8 बजे रात्रिभोज तक चलेगा। मैं आशा करती हूँतुम जरूर आओगी। अपने भाई को भी साथ जरूर लाना। मैं बेसबरी से तुम्हारा इंतज़ार करूँगी।
अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना व अमन को प्यार।
तुम्हारी सखी
नेहा