लेखिका ने अपने पिताजी के बारे में सुना था कि अजमेर आने से पहले आर्थिक रुप से खुशहाल थे और जरूरतमंदों की आवश्यकता अनुसार मदद भी किया करते थे ।उन दिनों उनकी दरियादिली के चर्चे भी कम नहीं थे। लेकिन जब उसने अपने पिता को देखा तो ऐसा प्रतीत हो रहे थे जैसे हृदय की कोमलता ,संवेदनशीलता, दरियादिली आदि गुणों के भग्नावशेषों को ढो रहे हो।
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लेखिका ने अपने पिताजी के बारे में सुना था कि अजमेर आने से पहले आर्थिक रुप से खुशहाल थे और जरूरतमंदों की आवश्यकता अनुसार मदद भी किया करते थे ।उन दिनों उनकी दरियादिली के चर्चे भी कम नहीं थे। लेकिन जब उसने अपने पिता को देखा तो ऐसा प्रतीत हो रहे थे जैसे हृदय की कोमलता ,संवेदनशीलता, दरियादिली आदि गुणों के भग्नावशेषों को ढो रहे हो।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।