लेखिका की मां अपने पति की हर ज़्यादती एवं क्रोध और बच्चों की हर उचित अनुचित फ़रमाइश और जीत को अपना फर्ज समझकर बड़े सहज भाव से स्वीकार करती थी। उन्होंने जिंदगी भर अपने लिए कुछ नहीं चाहा और कुछ नहीं मांगा हमेशा अपने पति और बच्चों की खुशियों को ही अपना जीवन का उद्देश्य बना लिया था। उनका त्याग धैर्य सहिष्णुता तथा सहनशक्ति उनकी व्यवस्था और मजबूरी के चिह्न थे। लेखिका की मां के उपयोग चारित्रिक विशेषताएं उन्हें एक प्रताड़ित ग्रहणी सिद्ध करती हैं।
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लेखिका की मां अपने पति की हर ज़्यादती एवं क्रोध और बच्चों की हर उचित अनुचित फ़रमाइश और जीत को अपना फर्ज समझकर बड़े सहज भाव से स्वीकार करती थी। उन्होंने जिंदगी भर अपने लिए कुछ नहीं चाहा और कुछ नहीं मांगा हमेशा अपने पति और बच्चों की खुशियों को ही अपना जीवन का उद्देश्य बना लिया था। उनका त्याग धैर्य सहिष्णुता तथा सहनशक्ति उनकी व्यवस्था और मजबूरी के चिह्न थे। लेखिका की मां के उपयोग चारित्रिक विशेषताएं उन्हें एक प्रताड़ित ग्रहणी सिद्ध करती हैं।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।