निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए:
क)’ राम- परशुराम- लक्ष्मण संवाद’ में पूरे प्रसंग में व्यंग का अनूठा सौंदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
ख) “उधौ भले लोग आगे के ,पर हित डोलत धारण”- पंक्ति के द्वारा गोपियों क्या बताना चाहती हैं? सूरदास के पदों के आधार पर बताइए।
ग) कवि देव ने ‘श्रीबृजदूलह’ किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है? सवैया तथा कवित् के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
घ) कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात क्यों कही है? ‘छाया मत छूना’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
(Class 10 Hindi A Sample Question Paper)
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क) राम- परशुराम- लक्ष्मण संवाद में जब राम ने परशुराम से कहा कि धनुष तोड़ने वाला कोई आपका सेवक ही होगा तब परशुराम ने व्यंग पूर्वक विरोध करते हुए कहा शत्रुता का कार्य करने में सेवकाई नहीं होती। लक्ष्मण के यह कहने पर कि सभी मनुष्य एक जैसे ही होते हैं आप तो अकारण ही क्रोधित हो रहे है।तब परशुराम ने लक्ष्मण के वचन सुनकर अपने फरसे को दिखाते हुए कहा कि यह बालक कौन है यह तो मारे जाने योग्य है ।राम परशुराम लक्ष्मण संवाद में ऐसे कई व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य व्याप्त है।ख) गोपियां प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से उद्धव एवं कृष्ण को यह बताना चाहती है कि पहले के लोग अर्थात प्राचीन राजा बहुत भले होते थे जो दूसरों की भलाई करने के लिए इधर उधर दौड़ा करते थे। परंतु उद्धव द्वारा लाए गए योग के संदेश को सुनकर न तो अब उद्धव पर विश्वास रहा है और न ही कृष्ण पर।
ग) कवि ने श्रीब्रजदूल्ह शब्द का प्रयोग श्रीकृष्ण के लिए किया है उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक इसलिए कहा गया है क्योंकि जिस प्रकार दीपक मंदिर में ज्योति फैलाकर वही आने वाले को रोशनी दिखाता है उसी प्रकार श्रीकृष्ण ने भी संसार को रोशनी दिखाकर उनके कष्टों को दूर करते हैं।
घ) कवि ने अतीत के सुख भरे दिनों को याद करना छोड़ कर कठिन यथार्थ के पूजन की बात इसलिए कही है क्योंकि मनुष्य का अतीत चाहे कितना ही गौरवशाली क्यों न हो उसके सहारे वह अपना जीवन व्यतीत कर सकता अतीत वह समय है जो बीत चुका है। यथार्थ में व्यक्ति को जीवन के संघर्षों और कठिन परिस्थितियों का सामना करना है।
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