मई 1947 में अध्यापक शीला अग्रवाल को कॉलेज से निकाल दिया गया था ।उन पर यह आरोप था कि वे कॉलेज की लड़कियों में अनुशासनहीनता फैला रही थी। लेखिका के साथ दो और लड़कियों को ‘थर्ड ईयर’ में दाखिला नहीं दिया गया। कॉलेज में इस बात को लेकर खूब शोर शराबा हुआ। जीत लड़कियों की हुई। परंतु इस जीत की खुशी से भी ज्यादा एक और खुशी प्रतीक्षा में थी। वह उस शताब्दी की सबसे बड़ी उपलब्धि थी उस समय भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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Sanskruti9090
She got entry in colleage after 2 months with 2 friend and Hindi teacher which was remove by principal and it was independent day this war reason of her happiness
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मई 1947 में अध्यापक शीला अग्रवाल को कॉलेज से निकाल दिया गया था ।उन पर यह आरोप था कि वे कॉलेज की लड़कियों में अनुशासनहीनता फैला रही थी। लेखिका के साथ दो और लड़कियों को ‘थर्ड ईयर’ में दाखिला नहीं दिया गया। कॉलेज में इस बात को लेकर खूब शोर शराबा हुआ। जीत लड़कियों की हुई। परंतु इस जीत की खुशी से भी ज्यादा एक और खुशी प्रतीक्षा में थी। वह उस शताब्दी की सबसे बड़ी उपलब्धि थी उस समय भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।