“यह बात अखबार वालों तक न पहुंचे।” ‘जॉर्ज पंचम की नाक’ पाठ में मूर्तिकार द्वारा कहे गए इस वाक्य से समाज में आए परिवर्तन पर प्रकाश डालिए। (Class 10 Hindi A Sample Question Paper)
प्रस्तुत पाठ में मूर्तिकार द्वारा कहे गए इस वाक्य से समाज में आ रहे परिवर्तन की ओर संकेत किया गया है। मूर्तिकार के पात्र द्वारा लेखक ने समाज में गिरते हुए नैतिक मूल्यों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।मूर्तिकार ने जीवित व्यक्ति की नाक को मूर्ति पर लगाने का सुझाव दिया परंतु इस विनती के साथ कि यह बात अखबार वालों तक न पहुंचे। वह पैसे की तंगी से जूझ रहा था इसलिए उसने ऐसा सुझाव दिया।
यद्यपि वह जानता है कि उसका यह सुझाव नैतिक दृष्टि से ठीक नहीं है परंतु पैसे की खातिर उससे कुछ भी करवाया जा सकता है। समाज का यही वर्ग धन की शक्ति के आगे विवश हो जाता है और धन के अभाव में मूल्यों का त्याग करने से भी नहीं चूकता।
अतः समाज में धन लोलुपता बढ़ती जा रही है जिससे समाज पथ-भ्रष्ट हो गया है।
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प्रस्तुत पाठ में मूर्तिकार द्वारा कहे गए इस वाक्य से समाज में आ रहे परिवर्तन की ओर संकेत किया गया है। मूर्तिकार के पात्र द्वारा लेखक ने समाज में गिरते हुए नैतिक मूल्यों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।मूर्तिकार ने जीवित व्यक्ति की नाक को मूर्ति पर लगाने का सुझाव दिया परंतु इस विनती के साथ कि यह बात अखबार वालों तक न पहुंचे। वह पैसे की तंगी से जूझ रहा था इसलिए उसने ऐसा सुझाव दिया।यद्यपि वह जानता है कि उसका यह सुझाव नैतिक दृष्टि से ठीक नहीं है परंतु पैसे की खातिर उससे कुछ भी करवाया जा सकता है। समाज का यही वर्ग धन की शक्ति के आगे विवश हो जाता है और धन के अभाव में मूल्यों का त्याग करने से भी नहीं चूकता।
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