पुणे में एक गरीब लड़का रहता था। उसका नाम लक्ष्मण है। उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे। उसे मिठाई का बहुत शौक था और उसे मिठाई बहुत पसंद भी थी। वह एक दिन हलवाई की दुकान पर खड़े रहकर मिठाई की सुगंध ले रहा था। जब हलवाई ने लक्ष्मण को देखा तो उससे कहा कि मिठाई सूंघने के भी पैसे देने पड़ेंगे। यो सुनकर लक्ष्मण रोने लगा। लक्ष्मण को रोता देखकर धीरे-धीरे भीड़ जमा हो गई। भीड़ में से एक बुद्धिमान व्यक्ति ने जेब में सिक्के बजाएं और हलवाई से पूछा कि क्या तुमने आवाज सुनी हलवाई ने उत्तर दिया हां सुनी तुम्हें पैसे मिल गए बुद्धिमान व्यक्ति का जवाब। इसके बाद हलवाई शरम चुप हो गया। और हलवाई को समझ आ गया कि उसे इतना लालची नहीं होना चाहिए।
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पुणे में एक गरीब लड़का रहता था। उसका नाम लक्ष्मण है। उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे। उसे मिठाई का बहुत शौक था और उसे मिठाई बहुत पसंद भी थी। वह एक दिन हलवाई की दुकान पर खड़े रहकर मिठाई की सुगंध ले रहा था। जब हलवाई ने लक्ष्मण को देखा तो उससे कहा कि मिठाई सूंघने के भी पैसे देने पड़ेंगे। यो सुनकर लक्ष्मण रोने लगा। लक्ष्मण को रोता देखकर धीरे-धीरे भीड़ जमा हो गई। भीड़ में से एक बुद्धिमान व्यक्ति ने जेब में सिक्के बजाएं और हलवाई से पूछा कि क्या तुमने आवाज सुनी हलवाई ने उत्तर दिया हां सुनी तुम्हें पैसे मिल गए बुद्धिमान व्यक्ति का जवाब। इसके बाद हलवाई शरम चुप हो गया। और हलवाई को समझ आ गया कि उसे इतना लालची नहीं होना चाहिए।
सीख: लालच बुरी बला है।