काव्यों की सुंदरता बढ़ाने वाले यंत्रों को ही अलंकार कहते हैं। जिस प्रकार मनुष्य अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए विभिन्न आभूषणों का प्रयोग करते हैं उसी तरह काव्यों की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का उपयोग किया जाता है।
अलन अर्थात भूषण
कर अर्थात सुसज्जित करने वाला
अतः काव्यों को शब्दों व दूसरे तत्वों की मदद से सुसज्जित करने वाला ही अलंकार कहलाता है ।
अलंकार के प्रकार-शब्द्लंकर-अर्थलांकरअर्थालंकार के भेद
उपमा यहां किसी वस्तु की तुलना सामान्य गुण धर्म के आधार पर वाचक शब्दों से अभिव्यक्त होकर किसी अन्य वस्तु से की जाती है। ...
रूपक जहां उपमेय और उपमान भिन्नता हो और वह एक रूप दिखाई दे जैसे चरण कमल बंदों हरि राइ।
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काव्यों की सुंदरता बढ़ाने वाले यंत्रों को ही अलंकार कहते हैं। जिस प्रकार मनुष्य अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए विभिन्न आभूषणों का प्रयोग करते हैं उसी तरह काव्यों की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का उपयोग किया जाता है।
अलन अर्थात भूषण
कर अर्थात सुसज्जित करने वाला
अतः काव्यों को शब्दों व दूसरे तत्वों की मदद से सुसज्जित करने वाला ही अलंकार कहलाता है ।
अलंकार के प्रकार-शब्द्लंकर-अर्थलांकरअर्थालंकार के भेद
उपमा यहां किसी वस्तु की तुलना सामान्य गुण धर्म के आधार पर वाचक शब्दों से अभिव्यक्त होकर किसी अन्य वस्तु से की जाती है। ...
रूपक जहां उपमेय और उपमान भिन्नता हो और वह एक रूप दिखाई दे जैसे चरण कमल बंदों हरि राइ।
उत्प्रेक्षा ...
भ्रांतिमान ...
सन्देह ...
अतिशयोक्ति अलंकार ...
विभावना अलंकार ...
मानवीकरण