kairakhan
प्रस्तुत पंक्ति का भाव यह है कि पक्षी क्षितिज के अंत तक जाने की चाह रखते हैं जो कि मुमकिन नहीं है परंतु फिर भी चीज को पाने के लिए पंछी किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार है यहां तक कि वह इसके लिए अपने प्राणों को भी न्योछावर करने को तैयार है
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