मै एक झाड़ू हूँ। मेरा इस्तेमाल गंदगी साफ करने के लिये किया जाता है। मैं पूरे घर, सड़क, पार्क, हॉस्पिटल, ऑफिस समेत उन तमाम दूसरे जगहों की सफाई करता हूँ, जहाँ गंदगी होती है। जहाँ मेरा इस्तेमाल सुबह और शाम दोनों समय किया जाता है, वहाँ गंदगी कम होती है, लेकिन जहाँ मेरा इस्तेमाल पूरे दिन में एक ही बार किया जाता है, वहाँ गंदगी कुछ ज़्यादा होती है। सत्य यही है कि मैं इस्तेमाल की चीज़ हूँ। मेरा इस्तेमाल किया जाना ज़रूरी है, वरना मैं घर के किसी कोने में निरीह और अस्तित्वविहीन की तरह पड़ा रहता हूँ।
रोज़ सुबह एक हाथ मेरी ओर बढ़ता है, फिर वो अपने पँजे में मुझे जकड़ता है। उसके पँजे में सिर्फ पाँच उंगलिया हैं, मेरे पास दो दर्जन सींकचे हैं, लेकिन पँजा मुझे जकड़कर चारों तरफ नचाता है। मैं उससे नफरत करता हूँ। काम मैं करता हूँ, टूल में हूँ, लेकिन अच्छी सफाई के लिये तारीफ हमेशा उस पँजे की जाती है जो मुझे नचाता है। मेरे बिना पँजा सफाई नहीं कर सकता, वो तो सिर्फ गंदगी फैला सकता है। वो हाथ जब भी कुछ करता है, गंदगी फैल जाती है। मसलन, जब खाना बनाता और खाता है, काम करते हुए कागजों को फाड़ देता है इत्यादि-इत्यादि। फिर उसे मेरी याद आती है और मुझे जकड़कर सफाई से सम्बंधित अपना मतलब साधता है।
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मै एक झाड़ू हूँ। मेरा इस्तेमाल गंदगी साफ करने के लिये किया जाता है। मैं पूरे घर, सड़क, पार्क, हॉस्पिटल, ऑफिस समेत उन तमाम दूसरे जगहों की सफाई करता हूँ, जहाँ गंदगी होती है। जहाँ मेरा इस्तेमाल सुबह और शाम दोनों समय किया जाता है, वहाँ गंदगी कम होती है, लेकिन जहाँ मेरा इस्तेमाल पूरे दिन में एक ही बार किया जाता है, वहाँ गंदगी कुछ ज़्यादा होती है। सत्य यही है कि मैं इस्तेमाल की चीज़ हूँ। मेरा इस्तेमाल किया जाना ज़रूरी है, वरना मैं घर के किसी कोने में निरीह और अस्तित्वविहीन की तरह पड़ा रहता हूँ।
रोज़ सुबह एक हाथ मेरी ओर बढ़ता है, फिर वो अपने पँजे में मुझे जकड़ता है। उसके पँजे में सिर्फ पाँच उंगलिया हैं, मेरे पास दो दर्जन सींकचे हैं, लेकिन पँजा मुझे जकड़कर चारों तरफ नचाता है। मैं उससे नफरत करता हूँ। काम मैं करता हूँ, टूल में हूँ, लेकिन अच्छी सफाई के लिये तारीफ हमेशा उस पँजे की जाती है जो मुझे नचाता है। मेरे बिना पँजा सफाई नहीं कर सकता, वो तो सिर्फ गंदगी फैला सकता है। वो हाथ जब भी कुछ करता है, गंदगी फैल जाती है। मसलन, जब खाना बनाता और खाता है, काम करते हुए कागजों को फाड़ देता है इत्यादि-इत्यादि। फिर उसे मेरी याद आती है और मुझे जकड़कर सफाई से सम्बंधित अपना मतलब साधता है।
हर्ष रंजन मै एक झाड़ू हूँ। मेरा इस्तेमाल गंदगी साफ करने के ...