मित्र हम आपको इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें। इससे आपका अच्छा अभ्यास होगा और आपका लेखन कौशल बढ़ेगा।
मेरा प्रिय पक्षी मोर है। मुझे वह बहुत पसंद है। उसके पंखों की सुंदरता देखने योग्य होती है। मैंने मोर एक बार हमारे बाग में देखा था। उस दिन से मुझे अन्य कोई पक्षी पसंद ही नहीं आया। उसे देखकर मुझे ज्ञात हुआ आखिर मोर को ही क्यों राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। मोरनी के पंख नहीं होते हैं। मोर को वर्षा ऋतु बहुत प्रिय होती है। वर्षा होने पर यह नाचने लगते हैं। मादा तीन से चार अंडे देती है। मोर सर्वहारा है। वह अनाज, सांप, जंगली फल, कीड़े, मकाैड़े सब खाते हैं। यह एशिया के देशों में बहुतायत में पाए जाते हैं। माेर को भारत में बहुत पवित्र माना जाता है। कृष्ण भगवान को मोर बहुत प्रिय था। यही कारण था कि उसका पंख वे सदैव अपने मुकुट पर धारण किए हुए रहते हैं।
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मित्र हम आपको इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें। इससे आपका अच्छा अभ्यास होगा और आपका लेखन कौशल बढ़ेगा।
मेरा प्रिय पक्षी मोर है। मुझे वह बहुत पसंद है। उसके पंखों की सुंदरता देखने योग्य होती है। मैंने मोर एक बार हमारे बाग में देखा था। उस दिन से मुझे अन्य कोई पक्षी पसंद ही नहीं आया। उसे देखकर मुझे ज्ञात हुआ आखिर मोर को ही क्यों राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। मोरनी के पंख नहीं होते हैं। मोर को वर्षा ऋतु बहुत प्रिय होती है। वर्षा होने पर यह नाचने लगते हैं। मादा तीन से चार अंडे देती है। मोर सर्वहारा है। वह अनाज, सांप, जंगली फल, कीड़े, मकाैड़े सब खाते हैं। यह एशिया के देशों में बहुतायत में पाए जाते हैं। माेर को भारत में बहुत पवित्र माना जाता है। कृष्ण भगवान को मोर बहुत प्रिय था। यही कारण था कि उसका पंख वे सदैव अपने मुकुट पर धारण किए हुए रहते हैं।
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