मैं यहाँ कुशल मंगल हूँ और तुम्हारी कुशलता की सुभकामना करती हुँ.
जैसा तुमको पता है की हमारी गर्मियों की छुटियाँ पड़ चुकी हैँ.. और हम इन दिनों में मंसूरी जा रहे हैँ.. जहाँ घूमने फिरने की बहुत से जगह हैँ.. और हमें इस भीषण गर्मी से राहत भी मिलेगी..
मेरा पत्र लिखने का लक्ष्य तुम्हे आमंत्रित करना.. हैँ.
आशा करती हूँ की तुम मुझे निराश नहीं करोगे और हमारे साथ आओगे. अंकल, आंटी को मेरा नमस्ते कहना
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dinaak
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प्रिय मित्र
सादर नमस्ते
मैं यहाँ कुशल मंगल हूँ और तुम्हारी कुशलता की सुभकामना करती हुँ.
जैसा तुमको पता है की हमारी गर्मियों की छुटियाँ पड़ चुकी हैँ.. और हम इन दिनों में मंसूरी जा रहे हैँ.. जहाँ घूमने फिरने की बहुत से जगह हैँ.. और हमें इस भीषण गर्मी से राहत भी मिलेगी..
मेरा पत्र लिखने का लक्ष्य तुम्हे आमंत्रित करना.. हैँ.
आशा करती हूँ की तुम मुझे निराश नहीं करोगे और हमारे साथ आओगे. अंकल, आंटी को मेरा नमस्ते कहना
तुम्हारी प्रिय सखी
ऊषा
I must say.... ur writing is very beautiful...
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you got the answer from someone sorry i can not annswer you