आकाश का साफा बांधकर , सूरज की चिलम खींचता बैठा है पहाड | घुटनों पर पडी है नदी चादर सी , पास ही दहक रही है पलाश के जंगल की अंगीठी | अंधकार पूर्व दूर में सिमटा बैठा है भेडों के गल्ले सा |
1. प्रस्तुत खण्ड किस पाठ से लिया गया है ?
शाम एक किसान
रहीम के दोहे
चिडिया की बच्ची
किसी से भी नहीं
Class 7 cbse hindi
Answers & Comments
Explanation:
आकाश का साफा बाँधकर
सूरज की चिलम खींचता
बैठा है पहाड़,
घुटनों पर पड़ी है चादर सी,
पास ही दहक रही है
पलाश के जंगल की अँगीठी
अँधकार दूर पूर्व में
सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले सा।
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