mdahmed90
शुद्ध सोना बिना किसी मिलावट के होता है। यह पूरी तरह शुद्ध होता है गिन्नी के सोने में थोडा-सा ताँबा मिलाया होता है, इसलिए वह ज्यादा चमकता है और शुद्ध सोने से मजबूत भी होता है।
पाठ के विषय के अनुसार शुद्ध सोना अलग है और गिन्नी का सोना अलग। जब गिन्नी के सोने में थोड़ा सा ताँबा मिलाया हुआ होता है, तब वह ज़्यादा चमकता है और शुद्ध सोने से मज़बूत भी होता है। शुद्ध आदर्श भी शुद्ध सोने जैसे ही होते हैं। चंद लोग उनमें व्यवहारिकता का थोड़ा सा ताँबा मिला देते हैं और चलाकर दिखाते हैं। तब हम लोग उन्हें ' प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट ' कहकर उनका बखान करते हैं। व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ - हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों को ही दिया हुआ है।
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Heya mate ✌
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पाठ के विषय के अनुसार शुद्ध सोना अलग है और गिन्नी का सोना अलग। जब गिन्नी के सोने में थोड़ा सा ताँबा मिलाया हुआ होता है, तब वह ज़्यादा चमकता है और शुद्ध सोने से मज़बूत भी होता है। शुद्ध आदर्श भी शुद्ध सोने जैसे ही होते हैं। चंद लोग उनमें व्यवहारिकता का थोड़ा सा ताँबा मिला देते हैं और चलाकर दिखाते हैं। तब हम लोग उन्हें ' प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट ' कहकर उनका बखान करते हैं। व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ - हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों को ही दिया हुआ है।
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