आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।
आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।चमक रहें हैं चम चम ,जो आये हैं तारे साथ।
आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।चमक रहें हैं चम चम ,जो आये हैं तारे साथ।पूरे नभ में घूम रहे ,हाथों में लेकर हाथ।।
आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।चमक रहें हैं चम चम ,जो आये हैं तारे साथ।पूरे नभ में घूम रहे ,हाथों में लेकर हाथ।।सूरज दादा अभिनदंन करते ,करते ज्ञान की बात।
आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।चमक रहें हैं चम चम ,जो आये हैं तारे साथ।पूरे नभ में घूम रहे ,हाथों में लेकर हाथ।।सूरज दादा अभिनदंन करते ,करते ज्ञान की बात।धरती को शीतलता दो ,रह कर जन्मों तक साथ।।
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आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।
आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।
आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।चमक रहें हैं चम चम ,जो आये हैं तारे साथ।
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आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।चमक रहें हैं चम चम ,जो आये हैं तारे साथ।पूरे नभ में घूम रहे ,हाथों में लेकर हाथ।।सूरज दादा अभिनदंन करते ,करते ज्ञान की बात।
आई है देखो अम्बर पर ,चाँद की बारात।दुल्हन बनी है चाँदनी ,जगमग हुई ये रात।।चमक रहें हैं चम चम ,जो आये हैं तारे साथ।पूरे नभ में घूम रहे ,हाथों में लेकर हाथ।।सूरज दादा अभिनदंन करते ,करते ज्ञान की बात।धरती को शीतलता दो ,रह कर जन्मों तक साथ।।
ये रही आपकी कविता मुदिता जी
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thanks yarr have a nice day ahead