Answer:
लेखक ‘बालकृष्ण’ के मुँह पर लगी धूल को श्रेष्ठ इसलिए मानता है क्योंकि इससे उनका सौंदर्य और भी निखर आता है। यह शिशु की सहज पार्थिवता को निखारती है। यह धूल उनके सौंदर्य को और भी बढ़ा देती है। बनावटी प्रसाधन भी वह सुंदरता नहीं दे पाते।
Yes.
But sometimes
ma ye I'd jada use nahi karte
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लेखक ‘बालकृष्ण’ के मुँह पर लगी धूल को श्रेष्ठ इसलिए मानता है क्योंकि इससे उनका सौंदर्य और भी निखर आता है। यह शिशु की सहज पार्थिवता को निखारती है। यह धूल उनके सौंदर्य को और भी बढ़ा देती है। बनावटी प्रसाधन भी वह सुंदरता नहीं दे पाते।
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But sometimes
ma ye I'd jada use nahi karte