श्री हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवंबर १९०७ को इलाहाबाद के प्रताप जिले के छोटे से गांव पट्टी में हुआ था उनके पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव और माता सरस्वती देवी जी इनकी मृत्यु 2003 को मुंबई में हुई म्युनिसिपल स्कूल से शुरू की थी उर्दू सीखने के लिए आर्यन स्कूल चले गए 1938 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में m.a. किया और 1952 अभी तक भी इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रहे और एचडी करने इंग्लैंड कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के कविता छायावाद काल के कवि हैं इनकी रचनाएं दिन जल्दी जल्दी ढलता है बच्चे प्रत्याशा में होंगे नीड से झांक रहे होंगे मधुशाला मधुकलश मधुबाला आत्मपरिचय सतरंगी आदि के फूल काव्य संग्रह अवधी व हिंदी भाषा की सभ्यता और संदेश उल्टा उनकी कविता का विशेष गुण है उन्होंने बड़े साहस धैर्य और सच्चाई के साथ सीधी-सादी भाषा और शाही में सर्च कल्पनाशीलता और जीवित से सजा सजा करसवार कर अनूठे गीत दिए हैं स्वाभाविक था एवं बोलचाल की भाषा होते हुए भी यह प्रभावशाली है लोक धुनों पर अनेक गीत लिखे दो चट्टानें कृति के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया समिति लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एशियाई समिति के कमर पुस्तकों से सम्मिलित बिरला फाउंडेशन द्वारा उसकी आत्मकथा के लिए सरस्वती सम्मान और 1976 साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में प्रदूषण से सम्मानित किया गया
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आपको भी अपनी मनपसंद कवि या लेखक के जीवन के बारे में लिखने हैं मैंने अपनी मनपसंद कवि के बारे में लिख दिया है।
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श्री हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवंबर १९०७ को इलाहाबाद के प्रताप जिले के छोटे से गांव पट्टी में हुआ था उनके पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव और माता सरस्वती देवी जी इनकी मृत्यु 2003 को मुंबई में हुई म्युनिसिपल स्कूल से शुरू की थी उर्दू सीखने के लिए आर्यन स्कूल चले गए 1938 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में m.a. किया और 1952 अभी तक भी इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रहे और एचडी करने इंग्लैंड कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के कविता छायावाद काल के कवि हैं इनकी रचनाएं दिन जल्दी जल्दी ढलता है बच्चे प्रत्याशा में होंगे नीड से झांक रहे होंगे मधुशाला मधुकलश मधुबाला आत्मपरिचय सतरंगी आदि के फूल काव्य संग्रह अवधी व हिंदी भाषा की सभ्यता और संदेश उल्टा उनकी कविता का विशेष गुण है उन्होंने बड़े साहस धैर्य और सच्चाई के साथ सीधी-सादी भाषा और शाही में सर्च कल्पनाशीलता और जीवित से सजा सजा करसवार कर अनूठे गीत दिए हैं स्वाभाविक था एवं बोलचाल की भाषा होते हुए भी यह प्रभावशाली है लोक धुनों पर अनेक गीत लिखे दो चट्टानें कृति के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया समिति लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एशियाई समिति के कमर पुस्तकों से सम्मिलित बिरला फाउंडेशन द्वारा उसकी आत्मकथा के लिए सरस्वती सम्मान और 1976 साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में प्रदूषण से सम्मानित किया गया
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आपको भी अपनी मनपसंद कवि या लेखक के जीवन के बारे में लिखने हैं मैंने अपनी मनपसंद कवि के बारे में लिख दिया है।