यह घटना द्रौपदी के चीर हरण की है। जब दुर्योधन के कहने पर दुशासन द्रौपदी को केशों से खींचकर लाया तो, उस समय सभी पांडव क्रोध से भरे हुए थे, पर लज्जा ने उनके सर झुका दिए थे। कोई कुछ नहीं बोल पा रहा था। तब भीम को क्रोध आया और उसने प्रतिज्ञा ली कि वह दुशासन की छाती चीरकर फाड़ देगा और उसके खून से द्रौपदी के बाल धुलवाएगा।
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यह घटना द्रौपदी के चीर हरण की है। जब दुर्योधन के कहने पर दुशासन द्रौपदी को केशों से खींचकर लाया तो, उस समय सभी पांडव क्रोध से भरे हुए थे, पर लज्जा ने उनके सर झुका दिए थे। कोई कुछ नहीं बोल पा रहा था। तब भीम को क्रोध आया और उसने प्रतिज्ञा ली कि वह दुशासन की छाती चीरकर फाड़ देगा और उसके खून से द्रौपदी के बाल धुलवाएगा।
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Chirharan ke waqt draupadi ne nhi balki bhim ne pratigya ki thi ke jab Tak Mai dushashan ka siina na phar dunga chain nhi lunga....