Answer:
राष्ट्र देवता- देशभक्ति
तुझ पर निछावर फूल
केसरिया शीश फूल
ओ देवता! देश के देवता!!
तेरी हथेली उठी,
किरणें उगने लगीं,
ऋतु हो गई चंपई
दिन की साँसें जगीं,
तू ने दिया रात को
गुलाबी सुबह का पता।
फलने लगा फौलाद
मेहनत की बाँह में,
उठते हुए तूफ़ान
तेरे द्वारे थमें,
संघर्ष की गोद में
सदा से सृजन खेलता।
काल का वसंती मंत्र
पढ़ती हैं पीढ़ियाँ,
सपने सयाने हुए,
चढ़ते हैं सीढ़ियाँ
संसार बढ़ते हुए
तेरे चरण देखता।
- सोम ठाकुर
Copyright © 2024 EHUB.TIPS team's - All rights reserved.
Answers & Comments
Answer:
राष्ट्र देवता- देशभक्ति
तुझ पर निछावर फूल
केसरिया शीश फूल
ओ देवता! देश के देवता!!
तेरी हथेली उठी,
किरणें उगने लगीं,
ऋतु हो गई चंपई
दिन की साँसें जगीं,
तू ने दिया रात को
गुलाबी सुबह का पता।
ओ देवता! देश के देवता!!
फलने लगा फौलाद
मेहनत की बाँह में,
उठते हुए तूफ़ान
तेरे द्वारे थमें,
संघर्ष की गोद में
सदा से सृजन खेलता।
ओ देवता! देश के देवता!!
काल का वसंती मंत्र
पढ़ती हैं पीढ़ियाँ,
सपने सयाने हुए,
चढ़ते हैं सीढ़ियाँ
संसार बढ़ते हुए
तेरे चरण देखता।
- सोम ठाकुर