संवाद सहयोगी, मेहरमा : स्थानीय ऐतिहासिक मेला मैदान में चल रहे श्री श्री 108 मां अन्नपूर्णा यज्ञ-प्रज्ञ-कर्म मंगलवार की देर शाम वैदिक मंत्रोच्चारण द्वारा अंतिम पूर्णाहूति के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान आरती व महाप्रसाद का वितरण किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान आचार्य ओम प्रकाश जी महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का भी आयोजन किया जा रहा था। इसके अंतिम दिन हनुमान जयंती व ब्रज लीला पर विस्तार से चर्चा की गयी। ओम प्रकाश जी ने कहा कि हनुमान जी का एक करोड़ पच्चासी लाख 58 हजार एक सौ चौदहवां जयंती मनाया जा रहा है। चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा तिथि, चित्रा नक्षत्र, मेष लगन, दिन मंगलवार 6 बजकर 3 मिनट पर उनका जन्म हुआ था। ब्रज लीला पर चर्चा के दौरान कहा कि परमात्मा कर्म के आधीन नहीं होते हैं। इसलिए उनके द्वारा किए गए कार्य को लीला कहा जाता है। क्रिया जीव को बंधन में डालती है, लीला से जीवन बंधन से मुक्त हो जाता है। भगवान श्री कृष्ण प्रत्येक जीवात्मा के पापों को लेते हैं तथा शत्रुओं के लिए काल बनकर आते हैं। इसलिए उनका रंग काला है।
Answers & Comments
संवाद सहयोगी, मेहरमा : स्थानीय ऐतिहासिक मेला मैदान में चल रहे श्री श्री 108 मां अन्नपूर्णा यज्ञ-प्रज्ञ-कर्म मंगलवार की देर शाम वैदिक मंत्रोच्चारण द्वारा अंतिम पूर्णाहूति के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान आरती व महाप्रसाद का वितरण किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान आचार्य ओम प्रकाश जी महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का भी आयोजन किया जा रहा था। इसके अंतिम दिन हनुमान जयंती व ब्रज लीला पर विस्तार से चर्चा की गयी। ओम प्रकाश जी ने कहा कि हनुमान जी का एक करोड़ पच्चासी लाख 58 हजार एक सौ चौदहवां जयंती मनाया जा रहा है। चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा तिथि, चित्रा नक्षत्र, मेष लगन, दिन मंगलवार 6 बजकर 3 मिनट पर उनका जन्म हुआ था। ब्रज लीला पर चर्चा के दौरान कहा कि परमात्मा कर्म के आधीन नहीं होते हैं। इसलिए उनके द्वारा किए गए कार्य को लीला कहा जाता है। क्रिया जीव को बंधन में डालती है, लीला से जीवन बंधन से मुक्त हो जाता है। भगवान श्री कृष्ण प्रत्येक जीवात्मा के पापों को लेते हैं तथा शत्रुओं के लिए काल बनकर आते हैं। इसलिए उनका रंग काला है।