विप्लव गायन कविता की व्याख्या कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ,जिससे उथल-पुथल मच जाए। व्याख्या - कवि बालकृष्ण शर्मा नवीन कवियों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि ऐसी कविताओं की रचना करो ,जिससे सम्पूर्ण भारत में बदलाव आ जाए। कविताओं के माध्यम से कवि स्वतंत्रता संग्राम में उथल पुथल मचाकर सेनानियों में उत्साहवर्धन करना चाहता है
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विप्लव गायन कविता की व्याख्या कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ,जिससे उथल-पुथल मच जाए। व्याख्या - कवि बालकृष्ण शर्मा नवीन कवियों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि ऐसी कविताओं की रचना करो ,जिससे सम्पूर्ण भारत में बदलाव आ जाए। कविताओं के माध्यम से कवि स्वतंत्रता संग्राम में उथल पुथल मचाकर सेनानियों में उत्साहवर्धन करना चाहता है
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