Explanation:
जात- पांत
छुआ- छूत
रोजा - नमाज़
2. कबीर जी की रचनाएं सामाजिक कुरीतियों की पोल खोलती हैं तथा यह संदेश देती हैं कि हम अपने ज्ञान के उचित उपयोग से अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं ।इनकी रचनाओं में धार्मिक व सामाजिक आडंबर का विरोध हुआ है।
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Explanation:
1.शब्द - युग्म
जात- पांत
छुआ- छूत
रोजा - नमाज़
2. कबीर जी की रचनाएं सामाजिक कुरीतियों की पोल खोलती हैं तथा यह संदेश देती हैं कि हम अपने ज्ञान के उचित उपयोग से अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं ।इनकी रचनाओं में धार्मिक व सामाजिक आडंबर का विरोध हुआ है।