‘कोरोना से प्रभावित देश- दुनिया का जनजीवन’ चित्र के साथ लेखन के माध्यम से २०-२५ वाक्यों में स्पष्ट कीजिए। जैसे - औद्योगिक समस्या और मजदूर plz write in Hindi
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते, जब से आने-जाने में पाबंदियां लगी हैं, एहतियात के लिए दिशा-निर्देश और एडवाइज़री जारी की गई हैं, तब से अश्विनी कक्कड़ का फ़ोन बजना बंद नहीं हुआ है.
उन्हें लगातार कॉरपोरेट ग्राहकों और व्यक्तिगत कस्टरमर के फ़ोन आ रहे हैं. फ़ोन करने वाले या तो अपना सफ़र रद्द करना चाहते हैं या फिर आगे के लिए स्थगित करना चाहते हैं.
अश्विनी कक्कड़ पिछले तीस बरस से पर्यटन के कारोबार में हैं. वो कहते हैं कि उन्होंने कभी भी अपने कारोबार में इतना बुरा वक़्त नहीं देखा.
वो बताते हैं, "मैंने अपनी ज़िंदगी में इससे बड़ी मेडिकल इमरजेंसी अब तक नहीं देखी. इसके आगे सार्स (SARS), मार्स (MARS) और स्वाइन फ्लू का संकट कुछ भी नहीं है. जितना बुरा असर कोरोना वायरस का हुआ है, उतना किसी बीमारी के प्रकोप से नहीं हुआ. बाहर जाने वाले कम से कम 20 प्रतिशत टूर या तो कैंसिल कर दिए गए हैं या फिर आगे के लिए टाल दिए गए हैं. आने वाले तीन महीनों में 30 फ़ीसद कॉरपोरेट यात्राओं पर इसका प्रभाव पड़ना तय है. इनमें से अधिकतर या तो अपनी यात्राएं रद्द कर देंगे, या अभी स्थगित कर देंगे. इसके बाद हमें और भी कोशिशें करनी पड़ेंगी."
अश्विनी कक्कड़ ने ये भी कहा, "भारत आने वाले पर्यटकों की यात्राओं का अनुमान लगाना भी बहुत मुश्किल है. क्योंकि सरकार हर रोज़ नई नीति की घोषणा कर रही है और हमें पता नहीं है कि आगे किन और देशों के नागरिकों के भारत आने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है."
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कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते, जब से आने-जाने में पाबंदियां लगी हैं, एहतियात के लिए दिशा-निर्देश और एडवाइज़री जारी की गई हैं, तब से अश्विनी कक्कड़ का फ़ोन बजना बंद नहीं हुआ है.
उन्हें लगातार कॉरपोरेट ग्राहकों और व्यक्तिगत कस्टरमर के फ़ोन आ रहे हैं. फ़ोन करने वाले या तो अपना सफ़र रद्द करना चाहते हैं या फिर आगे के लिए स्थगित करना चाहते हैं.
अश्विनी कक्कड़ पिछले तीस बरस से पर्यटन के कारोबार में हैं. वो कहते हैं कि उन्होंने कभी भी अपने कारोबार में इतना बुरा वक़्त नहीं देखा.
वो बताते हैं, "मैंने अपनी ज़िंदगी में इससे बड़ी मेडिकल इमरजेंसी अब तक नहीं देखी. इसके आगे सार्स (SARS), मार्स (MARS) और स्वाइन फ्लू का संकट कुछ भी नहीं है. जितना बुरा असर कोरोना वायरस का हुआ है, उतना किसी बीमारी के प्रकोप से नहीं हुआ. बाहर जाने वाले कम से कम 20 प्रतिशत टूर या तो कैंसिल कर दिए गए हैं या फिर आगे के लिए टाल दिए गए हैं. आने वाले तीन महीनों में 30 फ़ीसद कॉरपोरेट यात्राओं पर इसका प्रभाव पड़ना तय है. इनमें से अधिकतर या तो अपनी यात्राएं रद्द कर देंगे, या अभी स्थगित कर देंगे. इसके बाद हमें और भी कोशिशें करनी पड़ेंगी."
अश्विनी कक्कड़ ने ये भी कहा, "भारत आने वाले पर्यटकों की यात्राओं का अनुमान लगाना भी बहुत मुश्किल है. क्योंकि सरकार हर रोज़ नई नीति की घोषणा कर रही है और हमें पता नहीं है कि आगे किन और देशों के नागरिकों के भारत आने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है."
Answer: pls mark me as brain list
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