[tex]\huge{ \bold{ \underline{ \purple{question: - }}}}[/tex] निबंध on मनोरंजन के साधन Kirat kaun kaun sa h/w hogeya or kaun sa reh gaya?? Please answer friend
मुझे मनोरंजन काफी पसंद है, जब भी मैं किसी काम से फ्री होता हूँ तो मैं मनोरंजन के तरीके ढूंढ़ता हूँ। मनोरंजन का अर्थ है ‘मन को खुश रखना’, जब आप किसी काम को पूरा कर थक जाते हो तब आपको मनोरंजन ही ताजगी से भर देता है। मनोरंजन का जीवन में महत्व उतना ही महत्वपूर्ण है जितना आपके जीवन में एक सच्चे दोस्त का होना। कोई अपनों से दूर रहता है, तो वो मनोरंजन की शरण लेकर बोरियत से दूर रह सकता है। मनोरंजन का महत्व किसी अनमोल गिफ्ट से कम नहीं है। मनोरंजन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है. मनोरंजन एक तरह से संजीवनी बूटी की तरह ही है। मनोरंजन होने से जीवन को जीने में मजा आता है और आप उस समय को बिना किसी परेशानी के काट लेते हैं। आपका मन इससे शांत रहता है जिससे नए-नए विचार उत्पन्न होते हैं।
मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।
मानसिक विश्राम उसे मनोरंजन द्वारा प्राप्त होता है । इसलि ए मानव जीवन में मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण स्थान है । भोजन में जो स्थान अचार-चटनी का है, जीवन में वही स्थान मनोरंजन का है । अचार-चटनी का सेवन करने से जैसे क्षुधा तीव्र हो जाती है वैसे ही मनोरंजन से जीवन को नई शक्ति, स्कूर्ति और नई उमंग प्राप्त होती है ।
हमारे प्राचीन ऋषियों ने जीवन की उदासी, शिथिलता और थकान को दूर करने के लिए ही होली, दीपावली, दशहरा आदि अनेक मनोरंजक उत्सवों का विधान किया था । प्रतिवर्ष ऋतु-परिवर्तन के साथ-साथ जीवन में नई चेतना-शक्ति उत्पन्न करने में उत्सव बड़े सहायक होते थे ।
वर्तमान युग में तो इनकी और भी अधिक आवश्यकता है । यह इसलिए कि दिन भर कोल्हू के बैल की तरह जुते रहने के कारण लोगों की जिंदगी अत्यधिक व्यस्त हो गई है । मानव रुचि एक-सी नहीं होती । इसलिए मनोरंजन के साधन अनेक प्रकार के हैं । उन्हें हम दो भागों में विभाजित कर सकते हैं- हानिकारक और लाभकारक ।
जुआ खेलना, मद्यपान करना, वेश्यागमन आदि मनोरंजन के हानिकारक साधन हैं । मनोरंजन के ऐसे साधनों से जीवन को नई शक्ति नहीं मिलती, जीवन की रही-सही शक्ति भी क्षीण हो जाती है । इसलिए मनोरंजन के ऐसे साधनों से हमें दूर रहना चाहिए ।
प्रात:काल भ्रमण, पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ना, सिनेमा-नाटक देखना, साहित्यिक गोष्ठियों में भाग लेना, कोई खेल खेलना, यात्रा करना, संगीत सुनना, प्राकृतिक दृश्य देखना, नौका-विहार करना, चिड़ियाघर अथवा अजायबघर की सैर करना, कागज के फूल बनाना, चित्रकारी करना, बागबानी करना आदि मनोरंजन के मंगलकारक साधन हैं ।
इनके अतिरिक्त विज्ञान ने आधुनिक युग में मनोरंजन के अन्य साधनों में आश्चर्यजनक वृद्धि की है । आज मनोरंजन का मुख्य साधन है- रेडियो । रेडियो पर तरह-तरह के कार्यक्रम तथा मीठी और सुरीली तान सुनकर श्रोता आनंद-विभोर हो उठते हैं ।
ADVERTISEMENTS:
मनोरंजन के साधनों में टेलीविजन का भी प्रमुख स्थान है । यह एक नया आविष्कार है । रेडियो पर हम आवाज केवल सुन सकते हैं, मगर टेलीविजन पर हम आवाज सुनने के साथ-साथ उन्हें देख भी सकते हैं तथा खेलों, नाटकों आदि के आकर्षक चित्र देखकर पर्याप्त आनंद उठा सकते हैं ।
मनोरंजन की दृष्टि से रेडियो और टेलीविजन की अपेक्षा चित्रपट का विशेष महत्त्व है । रेडियो और टेलीविजन से एक ही परिवार के लोगों का मनोरंजन होता है, पर चित्रपट मनोरंजन का सार्वजनिक साधन है । इसके अतिरिक्त रेडियो से केवल कर्णेंद्रिय की ही तृप्ति होती है, नेत्र आनंद से वंचित रह जाते हैं । चित्रपट दोनों इंद्रियों को संतुष्ट करता है ।
सिनेमा में हम नृत्य, संगीत और अभिनय-कला का एक साथ आनंद उठा सकते हैं । सर्वसाधारण, जो अपने घरों में रेडियो अथवा टेलीविजन की व्यवस्था नहीं कर सकते, सिनेमा देखकर ही अपना मन बहला लेते हैं । नदी, पर्वत, लहराते सागर, युद्ध, पात्रों के कार्य-कलाप और उनकी वेशभूषा के मोहक दृश्य देखकर तथा उनके साथ मधुर व ओजस्वी संवाद सुनकर हम अपना मनोरंजन करने के साथ-साथ जीवनोपयोगी शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं ।
मनोरंजन के अन्य सुलभ साधनों में नाटक, नौटंकी, सर्कस, प्रदर्शनी आदि का महत्त्वपूर्ण स्थान है । सर्कस में शेर, चीते, बंदर, हाथी, भालू आदि के आश्चर्यजनक करतब देखकर दाँतों तले उंगुली दबा लेनी पड़ती है । इनके अतिरिक्त क्रिकेट, फुटबॉल, हाँकी, टेनिस आदि खेलों के मैचों को देखने से भी हमारा पर्याप्त मनोरंजन होता है । मुंबई जैसे बड़े-बड़े नगरों में घुड़दौड़ का दृश्य देखने के लिए लाखों की भीड़ जमा हो जाती है ।
Explanation:
i have done science, hindi grammar half , half activities of math 1 chapter of sst and endlish
Answers & Comments
Verified answer
Answer:
मुझे मनोरंजन काफी पसंद है, जब भी मैं किसी काम से फ्री होता हूँ तो मैं मनोरंजन के तरीके ढूंढ़ता हूँ। मनोरंजन का अर्थ है ‘मन को खुश रखना’, जब आप किसी काम को पूरा कर थक जाते हो तब आपको मनोरंजन ही ताजगी से भर देता है। मनोरंजन का जीवन में महत्व उतना ही महत्वपूर्ण है जितना आपके जीवन में एक सच्चे दोस्त का होना। कोई अपनों से दूर रहता है, तो वो मनोरंजन की शरण लेकर बोरियत से दूर रह सकता है। मनोरंजन का महत्व किसी अनमोल गिफ्ट से कम नहीं है। मनोरंजन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है. मनोरंजन एक तरह से संजीवनी बूटी की तरह ही है। मनोरंजन होने से जीवन को जीने में मजा आता है और आप उस समय को बिना किसी परेशानी के काट लेते हैं। आपका मन इससे शांत रहता है जिससे नए-नए विचार उत्पन्न होते हैं।
[tex] \: [/tex]hope it helps
Answer:
मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।
मानसिक विश्राम उसे मनोरंजन द्वारा प्राप्त होता है । इसलि ए मानव जीवन में मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण स्थान है । भोजन में जो स्थान अचार-चटनी का है, जीवन में वही स्थान मनोरंजन का है । अचार-चटनी का सेवन करने से जैसे क्षुधा तीव्र हो जाती है वैसे ही मनोरंजन से जीवन को नई शक्ति, स्कूर्ति और नई उमंग प्राप्त होती है ।
हमारे प्राचीन ऋषियों ने जीवन की उदासी, शिथिलता और थकान को दूर करने के लिए ही होली, दीपावली, दशहरा आदि अनेक मनोरंजक उत्सवों का विधान किया था । प्रतिवर्ष ऋतु-परिवर्तन के साथ-साथ जीवन में नई चेतना-शक्ति उत्पन्न करने में उत्सव बड़े सहायक होते थे ।
वर्तमान युग में तो इनकी और भी अधिक आवश्यकता है । यह इसलिए कि दिन भर कोल्हू के बैल की तरह जुते रहने के कारण लोगों की जिंदगी अत्यधिक व्यस्त हो गई है । मानव रुचि एक-सी नहीं होती । इसलिए मनोरंजन के साधन अनेक प्रकार के हैं । उन्हें हम दो भागों में विभाजित कर सकते हैं- हानिकारक और लाभकारक ।
जुआ खेलना, मद्यपान करना, वेश्यागमन आदि मनोरंजन के हानिकारक साधन हैं । मनोरंजन के ऐसे साधनों से जीवन को नई शक्ति नहीं मिलती, जीवन की रही-सही शक्ति भी क्षीण हो जाती है । इसलिए मनोरंजन के ऐसे साधनों से हमें दूर रहना चाहिए ।
प्रात:काल भ्रमण, पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ना, सिनेमा-नाटक देखना, साहित्यिक गोष्ठियों में भाग लेना, कोई खेल खेलना, यात्रा करना, संगीत सुनना, प्राकृतिक दृश्य देखना, नौका-विहार करना, चिड़ियाघर अथवा अजायबघर की सैर करना, कागज के फूल बनाना, चित्रकारी करना, बागबानी करना आदि मनोरंजन के मंगलकारक साधन हैं ।
इनके अतिरिक्त विज्ञान ने आधुनिक युग में मनोरंजन के अन्य साधनों में आश्चर्यजनक वृद्धि की है । आज मनोरंजन का मुख्य साधन है- रेडियो । रेडियो पर तरह-तरह के कार्यक्रम तथा मीठी और सुरीली तान सुनकर श्रोता आनंद-विभोर हो उठते हैं ।
ADVERTISEMENTS:
मनोरंजन के साधनों में टेलीविजन का भी प्रमुख स्थान है । यह एक नया आविष्कार है । रेडियो पर हम आवाज केवल सुन सकते हैं, मगर टेलीविजन पर हम आवाज सुनने के साथ-साथ उन्हें देख भी सकते हैं तथा खेलों, नाटकों आदि के आकर्षक चित्र देखकर पर्याप्त आनंद उठा सकते हैं ।
मनोरंजन की दृष्टि से रेडियो और टेलीविजन की अपेक्षा चित्रपट का विशेष महत्त्व है । रेडियो और टेलीविजन से एक ही परिवार के लोगों का मनोरंजन होता है, पर चित्रपट मनोरंजन का सार्वजनिक साधन है । इसके अतिरिक्त रेडियो से केवल कर्णेंद्रिय की ही तृप्ति होती है, नेत्र आनंद से वंचित रह जाते हैं । चित्रपट दोनों इंद्रियों को संतुष्ट करता है ।
सिनेमा में हम नृत्य, संगीत और अभिनय-कला का एक साथ आनंद उठा सकते हैं । सर्वसाधारण, जो अपने घरों में रेडियो अथवा टेलीविजन की व्यवस्था नहीं कर सकते, सिनेमा देखकर ही अपना मन बहला लेते हैं । नदी, पर्वत, लहराते सागर, युद्ध, पात्रों के कार्य-कलाप और उनकी वेशभूषा के मोहक दृश्य देखकर तथा उनके साथ मधुर व ओजस्वी संवाद सुनकर हम अपना मनोरंजन करने के साथ-साथ जीवनोपयोगी शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं ।
मनोरंजन के अन्य सुलभ साधनों में नाटक, नौटंकी, सर्कस, प्रदर्शनी आदि का महत्त्वपूर्ण स्थान है । सर्कस में शेर, चीते, बंदर, हाथी, भालू आदि के आश्चर्यजनक करतब देखकर दाँतों तले उंगुली दबा लेनी पड़ती है । इनके अतिरिक्त क्रिकेट, फुटबॉल, हाँकी, टेनिस आदि खेलों के मैचों को देखने से भी हमारा पर्याप्त मनोरंजन होता है । मुंबई जैसे बड़े-बड़े नगरों में घुड़दौड़ का दृश्य देखने के लिए लाखों की भीड़ जमा हो जाती है ।
Explanation:
i have done science, hindi grammar half , half activities of math 1 chapter of sst and endlish
you have registered link