मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।
मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।मानसिक विश्राम उसे मनोरंजन द्वारा प्राप्त होता है । इसलि ए मानव जीवन में मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण स्थान है । भोजन में जो स्थान अचार-चटनी का है, जीवन में वही स्थान मनोरंजन का है । अचार-चटनी का सेवन करने से जैसे क्षुधा तीव्र हो जाती है वैसे ही मनोरंजन से जीवन को नई शक्ति, स्कूर्ति और नई उमंग प्राप्त होती है ।
मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।मानसिक विश्राम उसे मनोरंजन द्वारा प्राप्त होता है । इसलि ए मानव जीवन में मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण स्थान है । भोजन में जो स्थान अचार-चटनी का है, जीवन में वही स्थान मनोरंजन का है । अचार-चटनी का सेवन करने से जैसे क्षुधा तीव्र हो जाती है वैसे ही मनोरंजन से जीवन को नई शक्ति, स्कूर्ति और नई उमंग प्राप्त होती है ।हमारे प्राचीन ऋषियों ने जीवन की उदासी, शिथिलता और थकान को दूर करने के लिए ही होली, दीपावली, दशहरा आदि अनेक मनोरंजक उत्सवों का विधान किया था । प्रतिवर्ष ऋतु-परिवर्तन के साथ-साथ जीवन में नई चेतना-शक्ति उत्पन्न करने में उत्सव बड़े सहायक होते थे ।
मनोरंजन मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा है। मनोरंजन हमें कुछ नया और किसी कार्य को पूरा करने में मदद करता है। दिन भर की थकान के लिए जैसे कोई दवाई है मनोरंजन। मनोरंजन बिना जीवन ऐसा है जैसे पेट्रोल बिना गाड़ी, इसलिए आगे बढ़ने के लिए मनोरंजन चाहिए ही।
मनुष्य काम या पढ़ाई इ वजह से दिन भर की थकान कम करने के लिए मनोरंजन का सहारा लेता है। मनोरंजन के बिना जीवन बस समय काटने वाली बात है। दिल बहलाने के लिए मनोरंजन ही आखिरी में काम आता है। इससे आपके शरीर मे स्फुर्ति आती है और कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। पहले के समय मे आज जितने मनोरंजन के साधन है, तब नही थे। फिर भी उनके साधन जो थे, उनका प्रयोग आज भी किया जाता है। मनोरंजन के साधन समय के साथ काफी बदले हैं। आज के युग मे मनोरंजन के नए व आधुनिक साधन हैं। रेडियो, टेलीविजन और चित्रपट आज के श्रेष्ठ मनोरंजन के साधन है। लेकिन कुछ मनोरंजन ऐसे हैं जिनके लिए घर से बाहर जाना पड़ता है जैसे क्रिकेट, टेनिस, सर्कस, थियेटर, फुटबॉल आदि. घर बैठे मनोरंजन के लिए आज बहुत तरीके हैं इनमें टीवी, वीडियो, लेखन कार्य, चेस, पेंटिंग जैसे कई तरीके। इंटरनेट ने सबसे बड़ा रोल निभाया है मनोरंजन के मज़े को आगे बढ़ाने में।
जब टीवी नया-नया आया था तब इसने लोगों को मनोरंजन क्या होता है वो बताया था। पिछले कुछ समय से प्रसिद्द हुए, स्मार्ट टीवी ने मनोरंजन को एक नई उचाई दी। लोगों के लिए मनोरंजन के मायने अलग हैं, कुछ को पढ़ना, खेलना, गाना, नाचना आदि मनोरंजन लगते हैं। बड़े-बूढ़ों के लिए धार्मिक ग्रंथ या कोई सीरियल देखना उन्हें मनोरंजन का आनंद देता है। कुछ सेहतमंद लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर व्यायाम को मनोरंजन मानते हैं। मनोरंजन आपके जीवन का हिस्सा है, आप उसे अपने हिसाब से कैसे भी तय कर सकते हैं। आपका जैसा भी मन हो चाहे ख़ुशी, उदासी, उत्सुकता आदि, एक बार आप अपनी पसंद की चीज़ कर लेंगे वो ही आपके लिए मनोरंजन है। मनोरंजन से आपका मन शांत हो रहा है बस यही महत्व रखता है।
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मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।
मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।मानसिक विश्राम उसे मनोरंजन द्वारा प्राप्त होता है । इसलि ए मानव जीवन में मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण स्थान है । भोजन में जो स्थान अचार-चटनी का है, जीवन में वही स्थान मनोरंजन का है । अचार-चटनी का सेवन करने से जैसे क्षुधा तीव्र हो जाती है वैसे ही मनोरंजन से जीवन को नई शक्ति, स्कूर्ति और नई उमंग प्राप्त होती है ।
मनुष्य कार्यशील प्राणी है । वह दिन भर अपने काम में लगा रहता है । शाम को अपने काम से छुट्टी पाने पर उसे थकावट महसूस होती है । थकावट दूर करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक विश्राम की आवश्यकता होती है ।मानसिक विश्राम उसे मनोरंजन द्वारा प्राप्त होता है । इसलि ए मानव जीवन में मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण स्थान है । भोजन में जो स्थान अचार-चटनी का है, जीवन में वही स्थान मनोरंजन का है । अचार-चटनी का सेवन करने से जैसे क्षुधा तीव्र हो जाती है वैसे ही मनोरंजन से जीवन को नई शक्ति, स्कूर्ति और नई उमंग प्राप्त होती है ।हमारे प्राचीन ऋषियों ने जीवन की उदासी, शिथिलता और थकान को दूर करने के लिए ही होली, दीपावली, दशहरा आदि अनेक मनोरंजक उत्सवों का विधान किया था । प्रतिवर्ष ऋतु-परिवर्तन के साथ-साथ जीवन में नई चेतना-शक्ति उत्पन्न करने में उत्सव बड़े सहायक होते थे ।
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मनोरंजन मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा है। मनोरंजन हमें कुछ नया और किसी कार्य को पूरा करने में मदद करता है। दिन भर की थकान के लिए जैसे कोई दवाई है मनोरंजन। मनोरंजन बिना जीवन ऐसा है जैसे पेट्रोल बिना गाड़ी, इसलिए आगे बढ़ने के लिए मनोरंजन चाहिए ही।
मनुष्य काम या पढ़ाई इ वजह से दिन भर की थकान कम करने के लिए मनोरंजन का सहारा लेता है। मनोरंजन के बिना जीवन बस समय काटने वाली बात है। दिल बहलाने के लिए मनोरंजन ही आखिरी में काम आता है। इससे आपके शरीर मे स्फुर्ति आती है और कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। पहले के समय मे आज जितने मनोरंजन के साधन है, तब नही थे। फिर भी उनके साधन जो थे, उनका प्रयोग आज भी किया जाता है। मनोरंजन के साधन समय के साथ काफी बदले हैं। आज के युग मे मनोरंजन के नए व आधुनिक साधन हैं। रेडियो, टेलीविजन और चित्रपट आज के श्रेष्ठ मनोरंजन के साधन है। लेकिन कुछ मनोरंजन ऐसे हैं जिनके लिए घर से बाहर जाना पड़ता है जैसे क्रिकेट, टेनिस, सर्कस, थियेटर, फुटबॉल आदि. घर बैठे मनोरंजन के लिए आज बहुत तरीके हैं इनमें टीवी, वीडियो, लेखन कार्य, चेस, पेंटिंग जैसे कई तरीके। इंटरनेट ने सबसे बड़ा रोल निभाया है मनोरंजन के मज़े को आगे बढ़ाने में।
जब टीवी नया-नया आया था तब इसने लोगों को मनोरंजन क्या होता है वो बताया था। पिछले कुछ समय से प्रसिद्द हुए, स्मार्ट टीवी ने मनोरंजन को एक नई उचाई दी। लोगों के लिए मनोरंजन के मायने अलग हैं, कुछ को पढ़ना, खेलना, गाना, नाचना आदि मनोरंजन लगते हैं। बड़े-बूढ़ों के लिए धार्मिक ग्रंथ या कोई सीरियल देखना उन्हें मनोरंजन का आनंद देता है। कुछ सेहतमंद लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर व्यायाम को मनोरंजन मानते हैं। मनोरंजन आपके जीवन का हिस्सा है, आप उसे अपने हिसाब से कैसे भी तय कर सकते हैं। आपका जैसा भी मन हो चाहे ख़ुशी, उदासी, उत्सुकता आदि, एक बार आप अपनी पसंद की चीज़ कर लेंगे वो ही आपके लिए मनोरंजन है। मनोरंजन से आपका मन शांत हो रहा है बस यही महत्व रखता है।
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hope you will satisfy with this answer