puri kuru family main kitne kids theee in mahabharat
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Mankuthemonkey01
महाभारत के रचयिता वेद व्यास हैं। महाभारत विश्व के सबसे लंबे काव्यों में से एक है।
महाभारत मूल रूप से कौरवों (कुरु के वंशज) तथैव पांडवों (पांडु के पुत्र) के बीच के युद्ध को दर्शाती है।
आपका उत्तर :- कौरव १०० भाई थे अर्थात कुरु के वंशज (धृतराष्ट्र) के 100 पुत्र थे।
महाभारत घर की आंतरिक लड़ाई - झगड़ों को दर्शाती है और जीवन के अनेक मूल्य समझाती है।
कौरवों के जन्म की कहानी (कौरव सौ कैसे हुए?)
विवाह के पश्चात गांधारी को महर्षि व्यास ने आशीर्वाद दिया था कि उसके 100 पुत्र होंगे। पर जब उसने जन्म फ़िया तो उसमें से सिर्फ माँस का टुकड़ा निकला (कारण यह है कि भूलवश गांधारी ने अपने पेट पर प्रहार किया था इसलिए पेट में पल रहा शिशु मर गया। हमें पूरी तरह से नही पता अतएव आपसे क्षमा याचना करते है।) यह देखकर गांधारी शोक में डूब गई और महर्षि व्यास को बुलाकर कहा कि आपका वचन झूठ निकला। इसपर महर्षि व्यास ने अपने वचन को सिद्ध करने के लिए उस मांस के टुकड़े के अन्य 100 टुकड़े करके 100 घड़ों म् डाल दिया। बाद में उन्ही घड़ों से सौ पुत्रों का जन्म हुआ जिसे हम कौरव कहते हैं। पुत्रो के अलावा गांधारी की एक पुत्री भी थी जिसे हम दुःशला के नाम से जानते हैं।
Mankuthemonkey01
yudhisthira dharmdev se bheem pavan dev se aur arjun indra dev se
Mankuthemonkey01
fir pandu ne kaha ki madri ke bhi putra hine chahiyeisliye kuñti ne ashwini kumar ki bulakr madri ke putro nakuk aur sahdev kajanm karaya
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महाभारत विश्व के सबसे लंबे काव्यों में से एक है।
महाभारत मूल रूप से कौरवों (कुरु के वंशज) तथैव पांडवों (पांडु के पुत्र) के बीच के युद्ध को दर्शाती है।
आपका उत्तर :- कौरव १०० भाई थे अर्थात कुरु के वंशज (धृतराष्ट्र) के 100 पुत्र थे।
महाभारत घर की आंतरिक लड़ाई - झगड़ों को दर्शाती है और जीवन के अनेक मूल्य समझाती है।
कौरवों के जन्म की कहानी (कौरव सौ कैसे हुए?)
विवाह के पश्चात गांधारी को महर्षि व्यास ने आशीर्वाद दिया था कि उसके 100 पुत्र होंगे।
पर जब उसने जन्म फ़िया तो उसमें से सिर्फ माँस का टुकड़ा निकला (कारण यह है कि भूलवश गांधारी ने अपने पेट पर प्रहार किया था इसलिए पेट में पल रहा शिशु मर गया। हमें पूरी तरह से नही पता अतएव आपसे क्षमा याचना करते है।)
यह देखकर गांधारी शोक में डूब गई और महर्षि व्यास को बुलाकर कहा कि आपका वचन झूठ निकला। इसपर महर्षि व्यास ने अपने वचन को सिद्ध करने के लिए उस मांस के टुकड़े के अन्य 100 टुकड़े करके 100 घड़ों म् डाल दिया। बाद में उन्ही घड़ों से सौ पुत्रों का जन्म हुआ जिसे हम कौरव कहते हैं।
पुत्रो के अलावा गांधारी की एक पुत्री भी थी जिसे हम दुःशला के नाम से जानते हैं।
आशा है यह उत्तर आपकी सहायता करेगा।
धन्यवाद