एक जंगल में दो बिल्लियाँ रहती थी । उनका आपस में बहुत प्यार था । यो भी खाने को मिलता वह आपस में बाँट कर खाती थी। एक दिन वह भोजन की तलाश में एक गाँव में गयी। वहां एक घर में उन्हें एक रोटी का टुकड़ा मिला उन दोनों बिल्लियों ने इस रोटी के टुकड़े को आपस में बांटकर खाना चाहा और रोटी के टुकड़े को बांटते समय उनका आपस में झगड़ा हो गया। एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के टुकड़े से छोटा लगा वो बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगी ।
एक जंगल में दो बिल्लियाँ रहती थी । उनका आपस में बहुत प्यार था । यो भी खाने को मिलता वह आपस में बाँट कर खाती थी। एक दिन वह भोजन की तलाश में एक गाँव में गयी। वहां एक घर में उन्हें एक रोटी का टुकड़ा मिला उन दोनों बिल्लियों ने इस रोटी के टुकड़े को आपस में बांटकर खाना चाहा और रोटी के टुकड़े को बांटते समय उनका आपस में झगड़ा हो गया। एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के टुकड़े से छोटा लगा वो बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगी । दोनों बिल्लियों का झगड़ा आपस में बड़ता ही या रहा था । उनमे से एक बिल्ली ने कहा के किसी तीसरे से न्याय कराते है । इस तरह दूसरी बिल्ली भी मान गई वह दोनों बिल्लियाँ जंगल की तरफ चल पड़ी और रास्ते में उन्हें एक बंदर मिला। बिल्लियों ने सोचा चलो इस बंदर से ही न्याय कराते हैं । उन्होंने सारी बात उस बंदर को बताई और बंदर से न्याय करने के लिए बेनती की। यह सुनकर बंदर एक तराजू लेकर आया और रोटी के दोनों टुकड़े एक - एक पलड़े में रख दिए इस तरह तोलते समय यो टुकड़ा भारी होता बंदर उसे आप खा लेता था ।इस तरह जब दूसरी तरफ का पलड़ा भारी पड़ता बंदर उस में से कुछ टुकड़े को खा जाता ।
एक जंगल में दो बिल्लियाँ रहती थी । उनका आपस में बहुत प्यार था । यो भी खाने को मिलता वह आपस में बाँट कर खाती थी। एक दिन वह भोजन की तलाश में एक गाँव में गयी। वहां एक घर में उन्हें एक रोटी का टुकड़ा मिला उन दोनों बिल्लियों ने इस रोटी के टुकड़े को आपस में बांटकर खाना चाहा और रोटी के टुकड़े को बांटते समय उनका आपस में झगड़ा हो गया। एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के टुकड़े से छोटा लगा वो बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगी । दोनों बिल्लियों का झगड़ा आपस में बड़ता ही या रहा था । उनमे से एक बिल्ली ने कहा के किसी तीसरे से न्याय कराते है । इस तरह दूसरी बिल्ली भी मान गई वह दोनों बिल्लियाँ जंगल की तरफ चल पड़ी और रास्ते में उन्हें एक बंदर मिला। बिल्लियों ने सोचा चलो इस बंदर से ही न्याय कराते हैं । उन्होंने सारी बात उस बंदर को बताई और बंदर से न्याय करने के लिए बेनती की। यह सुनकर बंदर एक तराजू लेकर आया और रोटी के दोनों टुकड़े एक - एक पलड़े में रख दिए इस तरह तोलते समय यो टुकड़ा भारी होता बंदर उसे आप खा लेता था ।इस तरह जब दूसरी तरफ का पलड़ा भारी पड़ता बंदर उस में से कुछ टुकड़े को खा जाता ।इस तरह दोनों बिल्लियाँ बंदर को देखती रही और उसके फैसले का इंतज़ार करती रही । परन्तु जब बिल्लियों ने देखा के रोटी को टुकड़ा बहुत छोटा रह गया है तो दोनों बिल्लियाँ बंदर से बोली हम इस रोटी के टुकड़े का अपने - आप आपस में बांट लेगी ।
एक जंगल में दो बिल्लियाँ रहती थी । उनका आपस में बहुत प्यार था । यो भी खाने को मिलता वह आपस में बाँट कर खाती थी। एक दिन वह भोजन की तलाश में एक गाँव में गयी। वहां एक घर में उन्हें एक रोटी का टुकड़ा मिला उन दोनों बिल्लियों ने इस रोटी के टुकड़े को आपस में बांटकर खाना चाहा और रोटी के टुकड़े को बांटते समय उनका आपस में झगड़ा हो गया। एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के टुकड़े से छोटा लगा वो बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगी । दोनों बिल्लियों का झगड़ा आपस में बड़ता ही या रहा था । उनमे से एक बिल्ली ने कहा के किसी तीसरे से न्याय कराते है । इस तरह दूसरी बिल्ली भी मान गई वह दोनों बिल्लियाँ जंगल की तरफ चल पड़ी और रास्ते में उन्हें एक बंदर मिला। बिल्लियों ने सोचा चलो इस बंदर से ही न्याय कराते हैं । उन्होंने सारी बात उस बंदर को बताई और बंदर से न्याय करने के लिए बेनती की। यह सुनकर बंदर एक तराजू लेकर आया और रोटी के दोनों टुकड़े एक - एक पलड़े में रख दिए इस तरह तोलते समय यो टुकड़ा भारी होता बंदर उसे आप खा लेता था ।इस तरह जब दूसरी तरफ का पलड़ा भारी पड़ता बंदर उस में से कुछ टुकड़े को खा जाता ।इस तरह दोनों बिल्लियाँ बंदर को देखती रही और उसके फैसले का इंतज़ार करती रही । परन्तु जब बिल्लियों ने देखा के रोटी को टुकड़ा बहुत छोटा रह गया है तो दोनों बिल्लियाँ बंदर से बोली हम इस रोटी के टुकड़े का अपने - आप आपस में बांट लेगी ।
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एक जंगल में दो बिल्लियाँ रहती थी । उनका आपस में बहुत प्यार था । यो भी खाने को मिलता वह आपस में बाँट कर खाती थी। एक दिन वह भोजन की तलाश में एक गाँव में गयी। वहां एक घर में उन्हें एक रोटी का टुकड़ा मिला उन दोनों बिल्लियों ने इस रोटी के टुकड़े को आपस में बांटकर खाना चाहा और रोटी के टुकड़े को बांटते समय उनका आपस में झगड़ा हो गया। एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के टुकड़े से छोटा लगा वो बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगी ।
एक जंगल में दो बिल्लियाँ रहती थी । उनका आपस में बहुत प्यार था । यो भी खाने को मिलता वह आपस में बाँट कर खाती थी। एक दिन वह भोजन की तलाश में एक गाँव में गयी। वहां एक घर में उन्हें एक रोटी का टुकड़ा मिला उन दोनों बिल्लियों ने इस रोटी के टुकड़े को आपस में बांटकर खाना चाहा और रोटी के टुकड़े को बांटते समय उनका आपस में झगड़ा हो गया। एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के टुकड़े से छोटा लगा वो बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगी । दोनों बिल्लियों का झगड़ा आपस में बड़ता ही या रहा था । उनमे से एक बिल्ली ने कहा के किसी तीसरे से न्याय कराते है । इस तरह दूसरी बिल्ली भी मान गई वह दोनों बिल्लियाँ जंगल की तरफ चल पड़ी और रास्ते में उन्हें एक बंदर मिला। बिल्लियों ने सोचा चलो इस बंदर से ही न्याय कराते हैं । उन्होंने सारी बात उस बंदर को बताई और बंदर से न्याय करने के लिए बेनती की। यह सुनकर बंदर एक तराजू लेकर आया और रोटी के दोनों टुकड़े एक - एक पलड़े में रख दिए इस तरह तोलते समय यो टुकड़ा भारी होता बंदर उसे आप खा लेता था ।इस तरह जब दूसरी तरफ का पलड़ा भारी पड़ता बंदर उस में से कुछ टुकड़े को खा जाता ।
एक जंगल में दो बिल्लियाँ रहती थी । उनका आपस में बहुत प्यार था । यो भी खाने को मिलता वह आपस में बाँट कर खाती थी। एक दिन वह भोजन की तलाश में एक गाँव में गयी। वहां एक घर में उन्हें एक रोटी का टुकड़ा मिला उन दोनों बिल्लियों ने इस रोटी के टुकड़े को आपस में बांटकर खाना चाहा और रोटी के टुकड़े को बांटते समय उनका आपस में झगड़ा हो गया। एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के टुकड़े से छोटा लगा वो बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगी । दोनों बिल्लियों का झगड़ा आपस में बड़ता ही या रहा था । उनमे से एक बिल्ली ने कहा के किसी तीसरे से न्याय कराते है । इस तरह दूसरी बिल्ली भी मान गई वह दोनों बिल्लियाँ जंगल की तरफ चल पड़ी और रास्ते में उन्हें एक बंदर मिला। बिल्लियों ने सोचा चलो इस बंदर से ही न्याय कराते हैं । उन्होंने सारी बात उस बंदर को बताई और बंदर से न्याय करने के लिए बेनती की। यह सुनकर बंदर एक तराजू लेकर आया और रोटी के दोनों टुकड़े एक - एक पलड़े में रख दिए इस तरह तोलते समय यो टुकड़ा भारी होता बंदर उसे आप खा लेता था ।इस तरह जब दूसरी तरफ का पलड़ा भारी पड़ता बंदर उस में से कुछ टुकड़े को खा जाता ।इस तरह दोनों बिल्लियाँ बंदर को देखती रही और उसके फैसले का इंतज़ार करती रही । परन्तु जब बिल्लियों ने देखा के रोटी को टुकड़ा बहुत छोटा रह गया है तो दोनों बिल्लियाँ बंदर से बोली हम इस रोटी के टुकड़े का अपने - आप आपस में बांट लेगी ।
एक जंगल में दो बिल्लियाँ रहती थी । उनका आपस में बहुत प्यार था । यो भी खाने को मिलता वह आपस में बाँट कर खाती थी। एक दिन वह भोजन की तलाश में एक गाँव में गयी। वहां एक घर में उन्हें एक रोटी का टुकड़ा मिला उन दोनों बिल्लियों ने इस रोटी के टुकड़े को आपस में बांटकर खाना चाहा और रोटी के टुकड़े को बांटते समय उनका आपस में झगड़ा हो गया। एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के टुकड़े से छोटा लगा वो बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगी । दोनों बिल्लियों का झगड़ा आपस में बड़ता ही या रहा था । उनमे से एक बिल्ली ने कहा के किसी तीसरे से न्याय कराते है । इस तरह दूसरी बिल्ली भी मान गई वह दोनों बिल्लियाँ जंगल की तरफ चल पड़ी और रास्ते में उन्हें एक बंदर मिला। बिल्लियों ने सोचा चलो इस बंदर से ही न्याय कराते हैं । उन्होंने सारी बात उस बंदर को बताई और बंदर से न्याय करने के लिए बेनती की। यह सुनकर बंदर एक तराजू लेकर आया और रोटी के दोनों टुकड़े एक - एक पलड़े में रख दिए इस तरह तोलते समय यो टुकड़ा भारी होता बंदर उसे आप खा लेता था ।इस तरह जब दूसरी तरफ का पलड़ा भारी पड़ता बंदर उस में से कुछ टुकड़े को खा जाता ।इस तरह दोनों बिल्लियाँ बंदर को देखती रही और उसके फैसले का इंतज़ार करती रही । परन्तु जब बिल्लियों ने देखा के रोटी को टुकड़ा बहुत छोटा रह गया है तो दोनों बिल्लियाँ बंदर से बोली हम इस रोटी के टुकड़े का अपने - आप आपस में बांट लेगी ।
Answer:
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे;
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे;
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया;
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।