हम सभी एक माध्यम के जरिये अपने दैनिक जीवन के अनुभव को साझा करते हैं; यह हमारी अभिव्यक्ति, हमारे हावभाव, हमारे बोलने के तरीके आदि के बारे में बताता है। ये सभी संचार के विभिन्न तरीके हैं।
किसी माध्यम जैसे बोलने, लिखने, इशारों, आदि की मदद से सूचना के आदान प्रदान की प्रक्रिया को संचार कहते हैं। इसने हमे इतना ज्यादा विकसित कर दिया है कि आज हम दुनियाभर में किसी भी व्यक्ति के साथ अपने ज्ञान और विचार को साझा कर सकते है
इस दुनिया में विभिन्न प्रकार के लोग हैं और उनमें से कुछ लेखन में अच्छे हैं जबकि कई बोलने में अच्छे हैं। जो लोग अपने विचारों को मौखिक रूप से व्यक्त करना चाहते हैं, वे अच्छी तरह से बोल सकते हैं; जबकि जो लोग लिखने में अच्छे होते हैं वे अपने विचारों को लिखित रूप में साझा करना पसंद करते हैं। आम तौर पर लोग अपने दैनिक जीवन से जुड़ी बात करना ज्यादा पसंद करते हैं।
संचार क्यों महत्वपूर्ण है?
हम किसी भी मदद के बिना अकेले नहीं रह सकते हैं, जीवन में कहीं न कहीं हमें कुछ चीजों की आवश्यकता होती है और उसे व्यक्त करने के लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है और यह संचार का एक तरीका है। संचार दूसरों को हमारे विचारों को बताने की एक प्रक्रिया है। मान लीजिए अगर केवल बोलना ही संवाद करने का माध्यम होगा तो गूंगा व्यक्ति कैसे संवाद करेगा। इसका अर्थ है इसमें बोलना, पढ़ना, लिखना, आदि सब शामिल हैं।
कोई भी माध्यम जैसे लिखित सन्देश, ऑडियो, वीडियो, आदि संचार के विभिन्न माध्यम हैं। ये सभी महत्वपूर्ण हैं और विभिन्न तरीकों से हमारी मदद करते हैं। यह कई मायनों में उपयोगी है, हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, हम मनोरंजित होते हैं, हमारी शिक्षा, आदि ये सभी केवल संचार के कारण ही संभव हैं।
निष्कर्ष
मैं यह कह सकता हूं कि संचार के बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। यह विभिन्न तरीकों से मददगार है और दिन-प्रतिदिन के नए-नए आविष्कारों ने जैसे इंटरनेट, मोबाइल फोन, आदि ने इसे और भी अधिक सुविधाजनक बना दिया है। आज हम दुनिया के किस कोने में क्या चल रहा है उसके बारे में सिर्फ एक क्लिक पर जान सकते हैं।
खुद को व्यक्त करना एक कला है और हम में से कुछ अपनी मौखिक शक्ति का उपयोग करना पसंद करते हैं जबकि कुछ लोग खुद को लिखित या अन्य रूप से व्यक्त करना पसंद करते हैं। एक छोटा बच्चा नहीं जनता है कि उसे भोजन या अन्य जरूरतों के लिए कैसे बोलना है, वह बस रोता है लेकिन उसके माता-पिता हमेशा उसकी जरूरतों को समझते हैं और उसे पूरा करते हैं। एक बच्चे के लिए यह कैसे संभव था जब वह कोई भी भाषा नहीं जानता हो? असल में, संचार खुद को व्यक्त करने का एक तरीका है।
हम कैसे संवाद कर सकते हैं
यहाँ पर संचार के विभिन्न माध्यम हैं और उनमे सबसे महत्वपूर्ण हैं मौखिक, बोलकर। हममें से ज्यादातर लोग अपनी जरूरतों को बात करके या कहकर पूरा करते हैं। जिस माध्यम से आपके विचारों को आसानी से समझा जा सकता है, वह आपके संचार का सबसे अच्छा माध्यम है। यहाँ पर नीचे मैंने संचार के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की है;
हमारा इशारा : हमारा इशारा हमारे बारे में काफी कुछ कहता है और हमें यह समझाने की ज़रूरत नहीं है कि हमें किसी निश्चित चीज़ की ज़रूरत है या नहीं। इसलिए, इशारे भी खुद को व्यक्त करने के सामान्य तरीकों में से एक है।
चेहरे का भाव : क्या आपने कभी अपने चेहरे के भाव पर गौर किया है जब आप नींबू का स्वाद ले रहे होते है हाँ? तो, असल में, आपको कुछ कहने की आवश्यकता नहीं होती; आपकी अभिव्यक्ति आपके बारे में बहुत कुछ कहती है। हमारी अभिव्यक्ति आसानी से बता सकती है कि हम क्या सोच रहे हैं और यह संचार का एक और सबसे अच्छा तरीका है।
प्रतीकों का उपयोग करना : हम सभी अलग-अलग तरह के चैटिंग ऐप का इस्तेमाल करते हैं जहां हम दूसरों को टेक्स्ट करते हैं, हम कुछ खास संकेतों और इमोजी का उपयोग करते हैं जो सामने वाले को बताता है कि हम क्या कहना चाहते हैं। इन दिनों यह काफी लोकप्रिय है और हम सभी इसका उपयोग करते हैं।
सांकेतिक भाषा : इश्वर ने हम सभी को बोलने और सुनने की क्षमता नहीं दी है। कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो बोल नहीं सकते हैं, उनके लिए एक विशेष भाषा है जिसे साइन लैंग्वेज यानी कि सांकेतिक भाषा कहा जाता है। यह एक अलग भाषा है जिसमें लोग विभिन्न संकेतों की मदद से बोलते हैं।
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हम सभी एक माध्यम के जरिये अपने दैनिक जीवन के अनुभव को साझा करते हैं; यह हमारी अभिव्यक्ति, हमारे हावभाव, हमारे बोलने के तरीके आदि के बारे में बताता है। ये सभी संचार के विभिन्न तरीके हैं।
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संचार का महत्त्व पर निबंध
किसी माध्यम जैसे बोलने, लिखने, इशारों, आदि की मदद से सूचना के आदान प्रदान की प्रक्रिया को संचार कहते हैं। इसने हमे इतना ज्यादा विकसित कर दिया है कि आज हम दुनियाभर में किसी भी व्यक्ति के साथ अपने ज्ञान और विचार को साझा कर सकते है
इस दुनिया में विभिन्न प्रकार के लोग हैं और उनमें से कुछ लेखन में अच्छे हैं जबकि कई बोलने में अच्छे हैं। जो लोग अपने विचारों को मौखिक रूप से व्यक्त करना चाहते हैं, वे अच्छी तरह से बोल सकते हैं; जबकि जो लोग लिखने में अच्छे होते हैं वे अपने विचारों को लिखित रूप में साझा करना पसंद करते हैं। आम तौर पर लोग अपने दैनिक जीवन से जुड़ी बात करना ज्यादा पसंद करते हैं।
संचार क्यों महत्वपूर्ण है?
हम किसी भी मदद के बिना अकेले नहीं रह सकते हैं, जीवन में कहीं न कहीं हमें कुछ चीजों की आवश्यकता होती है और उसे व्यक्त करने के लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है और यह संचार का एक तरीका है। संचार दूसरों को हमारे विचारों को बताने की एक प्रक्रिया है। मान लीजिए अगर केवल बोलना ही संवाद करने का माध्यम होगा तो गूंगा व्यक्ति कैसे संवाद करेगा। इसका अर्थ है इसमें बोलना, पढ़ना, लिखना, आदि सब शामिल हैं।
कोई भी माध्यम जैसे लिखित सन्देश, ऑडियो, वीडियो, आदि संचार के विभिन्न माध्यम हैं। ये सभी महत्वपूर्ण हैं और विभिन्न तरीकों से हमारी मदद करते हैं। यह कई मायनों में उपयोगी है, हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, हम मनोरंजित होते हैं, हमारी शिक्षा, आदि ये सभी केवल संचार के कारण ही संभव हैं।
निष्कर्ष
मैं यह कह सकता हूं कि संचार के बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। यह विभिन्न तरीकों से मददगार है और दिन-प्रतिदिन के नए-नए आविष्कारों ने जैसे इंटरनेट, मोबाइल फोन, आदि ने इसे और भी अधिक सुविधाजनक बना दिया है। आज हम दुनिया के किस कोने में क्या चल रहा है उसके बारे में सिर्फ एक क्लिक पर जान सकते हैं।
खुद को व्यक्त करना एक कला है और हम में से कुछ अपनी मौखिक शक्ति का उपयोग करना पसंद करते हैं जबकि कुछ लोग खुद को लिखित या अन्य रूप से व्यक्त करना पसंद करते हैं। एक छोटा बच्चा नहीं जनता है कि उसे भोजन या अन्य जरूरतों के लिए कैसे बोलना है, वह बस रोता है लेकिन उसके माता-पिता हमेशा उसकी जरूरतों को समझते हैं और उसे पूरा करते हैं। एक बच्चे के लिए यह कैसे संभव था जब वह कोई भी भाषा नहीं जानता हो? असल में, संचार खुद को व्यक्त करने का एक तरीका है।
हम कैसे संवाद कर सकते हैं
यहाँ पर संचार के विभिन्न माध्यम हैं और उनमे सबसे महत्वपूर्ण हैं मौखिक, बोलकर। हममें से ज्यादातर लोग अपनी जरूरतों को बात करके या कहकर पूरा करते हैं। जिस माध्यम से आपके विचारों को आसानी से समझा जा सकता है, वह आपके संचार का सबसे अच्छा माध्यम है। यहाँ पर नीचे मैंने संचार के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की है;
हमारा इशारा : हमारा इशारा हमारे बारे में काफी कुछ कहता है और हमें यह समझाने की ज़रूरत नहीं है कि हमें किसी निश्चित चीज़ की ज़रूरत है या नहीं। इसलिए, इशारे भी खुद को व्यक्त करने के सामान्य तरीकों में से एक है।
चेहरे का भाव : क्या आपने कभी अपने चेहरे के भाव पर गौर किया है जब आप नींबू का स्वाद ले रहे होते है हाँ? तो, असल में, आपको कुछ कहने की आवश्यकता नहीं होती; आपकी अभिव्यक्ति आपके बारे में बहुत कुछ कहती है। हमारी अभिव्यक्ति आसानी से बता सकती है कि हम क्या सोच रहे हैं और यह संचार का एक और सबसे अच्छा तरीका है।
प्रतीकों का उपयोग करना : हम सभी अलग-अलग तरह के चैटिंग ऐप का इस्तेमाल करते हैं जहां हम दूसरों को टेक्स्ट करते हैं, हम कुछ खास संकेतों और इमोजी का उपयोग करते हैं जो सामने वाले को बताता है कि हम क्या कहना चाहते हैं। इन दिनों यह काफी लोकप्रिय है और हम सभी इसका उपयोग करते हैं।
सांकेतिक भाषा : इश्वर ने हम सभी को बोलने और सुनने की क्षमता नहीं दी है। कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो बोल नहीं सकते हैं, उनके लिए एक विशेष भाषा है जिसे साइन लैंग्वेज यानी कि सांकेतिक भाषा कहा जाता है। यह एक अलग भाषा है जिसमें लोग विभिन्न संकेतों की मदद से बोलते हैं।