'राजधर्म' इस पाठ में बताया गया है की, किस तरह राजा अधर्म को त्याग कर धार्मिक और न्यायपूर्ण ढंग से राज्य करता है | राजा विनयपूर्वक बोधिसत्व को यह सच्चाई बताई कि उसने ही पहले गोदों । (फलों) को मीठा किया था और बाद में उन्हें कड़वा कर दिया |राजा की इस कहानी से यह सीख मिलती है की हमे अधर्म और अन्याय का रस्ता छोड देना चाहिए और यह बात का ध्यान रखना चाहिए की कभी किसी भी व्यक्ती को परेशानी या तक्लीफ नहीं पहुंचे|
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'राजधर्म' इस पाठ में बताया गया है की, किस तरह राजा अधर्म को त्याग कर धार्मिक और न्यायपूर्ण ढंग से राज्य करता है | राजा विनयपूर्वक बोधिसत्व को यह सच्चाई बताई कि उसने ही पहले गोदों । (फलों) को मीठा किया था और बाद में उन्हें कड़वा कर दिया |राजा की इस कहानी से यह सीख मिलती है की हमे अधर्म और अन्याय का रस्ता छोड देना चाहिए और यह बात का ध्यान रखना चाहिए की कभी किसी भी व्यक्ती को परेशानी या तक्लीफ नहीं पहुंचे|
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