महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे। आस्था में लीन माता और उस क्षेत्र के जैन धर्म के परंपराओं के कारण गाँधी जी के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।
जब देश अंग्रेजों की पराधीनता से जकड़ा हुआ था , जनता का शोषण का पतन हो रहा था प्रगति में विराम चिन्ह लगा हुआ था ऐसी विषम परिस्थिति में देश को एक जागरूक पथ प्रदर्शक की परम आवश्यकता थी ऐसे समय पर महात्मा गांधी का जन्म हुआ इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था इनका जन्म 2 अक्टूबर 2016 को पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था इनके पिता राजकोट के दीवान थे माता पुतलीबाई धार्मिक विचारों की सच्चरित्र महिला थी। गांधीजी की प्रारंभिक शिक्षा राजकोट में हुई 13 वर्ष की आयु में इनका विवाह कस्तूरबा के साथ कर दिया गया 18 वर्ष की अवस्था में हाई स्कूल उत्तरीन करके विलायत पढ़ने चले गए। गांधी जी ने स्वतंत्रता के लिए बहुत लड़ाई की। लंबे संघर्ष के बाद लक्ष्य की प्राप्ति हुई परंतु देश के टुकड़े हो गए भारत विभाजन से गांधी जी के दिल पर बहुत आघात पहुंचा। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी हे राम शब्द कहकर उन्होंने प्राण त्याग दिए।
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महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे। आस्था में लीन माता और उस क्षेत्र के जैन धर्म के परंपराओं के कारण गाँधी जी के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।
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अनुच्छेद महात्मा गांधी
जब देश अंग्रेजों की पराधीनता से जकड़ा हुआ था , जनता का शोषण का पतन हो रहा था प्रगति में विराम चिन्ह लगा हुआ था ऐसी विषम परिस्थिति में देश को एक जागरूक पथ प्रदर्शक की परम आवश्यकता थी ऐसे समय पर महात्मा गांधी का जन्म हुआ इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था इनका जन्म 2 अक्टूबर 2016 को पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था इनके पिता राजकोट के दीवान थे माता पुतलीबाई धार्मिक विचारों की सच्चरित्र महिला थी। गांधीजी की प्रारंभिक शिक्षा राजकोट में हुई 13 वर्ष की आयु में इनका विवाह कस्तूरबा के साथ कर दिया गया 18 वर्ष की अवस्था में हाई स्कूल उत्तरीन करके विलायत पढ़ने चले गए। गांधी जी ने स्वतंत्रता के लिए बहुत लड़ाई की। लंबे संघर्ष के बाद लक्ष्य की प्राप्ति हुई परंतु देश के टुकड़े हो गए भारत विभाजन से गांधी जी के दिल पर बहुत आघात पहुंचा। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी हे राम शब्द कहकर उन्होंने प्राण त्याग दिए।