“Is this real? Or has this been happening inside my head?” Dumbledore beamed at him, and his voice sounded loud and strong in Harry's ears even though the bright mist was descending again, obscuring his figure. “Of course it is happening inside your head, Harry, but why on earth should that mean that it is not real?
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स,
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया का
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना,
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता है
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो।
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज था
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज थातेरी नर्म पलकों की छाँव में,
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज थातेरी नर्म पलकों की छाँव में, मेरे साथ था तुझे जागना
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज थातेरी नर्म पलकों की छाँव में, मेरे साथ था तुझे जागनातेरी आँख कैसे झपक गयी। ☀️
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज थातेरी नर्म पलकों की छाँव में, मेरे साथ था तुझे जागनातेरी आँख कैसे झपक गयी। ☀️नफरतों के जहान में हमको
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दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज थातेरी नर्म पलकों की छाँव में, मेरे साथ था तुझे जागनातेरी आँख कैसे झपक गयी। ☀️नफरतों के जहान में हमकोप्यार की बस्तियां बसानी हैं, दूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने। ☀️
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज थातेरी नर्म पलकों की छाँव में, मेरे साथ था तुझे जागनातेरी आँख कैसे झपक गयी। ☀️नफरतों के जहान में हमकोप्यार की बस्तियां बसानी हैं, दूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने। ☀️-.
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“Is this real? Or has this been happening inside my head?” Dumbledore beamed at him, and his voice sounded loud and strong in Harry's ears even though the bright mist was descending again, obscuring his figure. “Of course it is happening inside your head, Harry, but why on earth should that mean that it is not real?
hope it will help you dear
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में,
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स,
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️
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दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना,
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दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो।
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज था
दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज थातेरी नर्म पलकों की छाँव में,
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दूर रहकर भी जो समाया है, ☀️मेरी रूह की गहराई में, पास वालों पर वो शख्स, कितना असर रखता होगा। ☀️रिवाज तो यही है दुनिया कामिल जाना बिछड़ जाना, तुम से ये कैसा रिश्ता हैन मिलते हो न बिछड़ते हो। मेरी दास्ताँ का उरोज थातेरी नर्म पलकों की छाँव में, मेरे साथ था तुझे जागनातेरी आँख कैसे झपक गयी। ☀️नफरतों के जहान में हमकोप्यार की बस्तियां बसानी हैं, दूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने। ☀️
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hi
mark me as brainlist
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thanks Simran