महाकवि कालिदास, महाराजा विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में से एक थे। उनके संबध में कहा जाता है कि मां काली के आशीर्वाद से ही वह परम विद्वान बने और उन्होंने अपना नाम कालिदास रखा। कहा जाता है कि एक बार जंगल में वह पेड़ की उसी डाल को काट रहे थे, जिस पर वह बैठे हुए थे।
कहा जाता है कि एक... महाकवि कालिदास, महाराजा विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में से एक थे। उनके संबध में कहा जाता है कि मां काली के आशीर्वाद से ही वह परम विद्वान बने और उन्होंने अपना नाम कालिदास रखा। कहा जाता है कि एक बार जंगल में वह पेड़ की उसी डाल को काट रहे थे, जिस पर वह बैठे हुए थे
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महाकवि कालिदास, महाराजा विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में से एक थे। उनके संबध में कहा जाता है कि मां काली के आशीर्वाद से ही वह परम विद्वान बने और उन्होंने अपना नाम कालिदास रखा। कहा जाता है कि एक बार जंगल में वह पेड़ की उसी डाल को काट रहे थे, जिस पर वह बैठे हुए थे।
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कहा जाता है कि एक... महाकवि कालिदास, महाराजा विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में से एक थे। उनके संबध में कहा जाता है कि मां काली के आशीर्वाद से ही वह परम विद्वान बने और उन्होंने अपना नाम कालिदास रखा। कहा जाता है कि एक बार जंगल में वह पेड़ की उसी डाल को काट रहे थे, जिस पर वह बैठे हुए थे