जल मनुष्य के लिए बेहद अहम होता है। जल के बैगर हम एक दिन भी नहीं रह सकते है। हम पानी पिए बिना जीवित नहीं रह सकते है। जल सिर्फ सेवन के लिए नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के गतिविधियों में इस्तेमाल होती है। जल से हम खाना बनाते है , कपड़े धोते है , नहाते है और हर बार हाथ पैर भी हम जल द्वारा धोते है। जल नियमित रूप से हमे ज़रूरत होती है। जल हमे नदियों , तालाबों , वर्षा जैसे स्रोत से प्राप्त होती है | पृथ्वी पर अधिकांश जल समुन्दर में पाया जाता है , जो खारा है और कुछ बर्फीला होता है। इन का पानी हम ना इस्तेमाल कर सकते है और ना ही सेवन कर सकते है। पृथ्वी पर पीने लायक जल सिर्फ दो प्रतिशत होता है। जल एक प्राकृतिक संसाधन है , इसका सोच समझकर इस्तेमाल करना चाहिए। निरंतर जल का गलत उपयोग और उसे बेवजह बर्बाद करने की आदत ने मनुष्य और जीव जंतुओं को मुश्किल में डाल दिया है।
जल सिर्फ मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों और पेड़ पौधों के लिए भी ज़रूरी होता है। पर्यावरण जल के बैगर नष्ट हो सकता है। आजकल भूमिगत जल में काफी गिरावट आयी है जिसके कारण ना सिर्फ गाँव बल्कि शहरों में भी पानी की दिक्कत पायी जाती है। जल धरती पर कई रूपों में पायी जाती है जैसे बर्फ के रूप में , नदियों और तालाबों में जल यानी तरल पदार्थ के रूप में और वाष्प के तौर पर पायी जाती है। वाष्प की वजह से वह बदल बनते है। इन्ही बादलो की वजह से बरसात होती है। वर्षा होती है , तभी जाकर भूमिगत जल का स्तर बढ़ता है। आजकल कई क्षेत्रों में अनावृष्टि के कारण पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं होता है।
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जल मनुष्य के लिए बेहद अहम होता है। जल के बैगर हम एक दिन भी नहीं रह सकते है। हम पानी पिए बिना जीवित नहीं रह सकते है। जल सिर्फ सेवन के लिए नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के गतिविधियों में इस्तेमाल होती है। जल से हम खाना बनाते है , कपड़े धोते है , नहाते है और हर बार हाथ पैर भी हम जल द्वारा धोते है। जल नियमित रूप से हमे ज़रूरत होती है। जल हमे नदियों , तालाबों , वर्षा जैसे स्रोत से प्राप्त होती है | पृथ्वी पर अधिकांश जल समुन्दर में पाया जाता है , जो खारा है और कुछ बर्फीला होता है। इन का पानी हम ना इस्तेमाल कर सकते है और ना ही सेवन कर सकते है। पृथ्वी पर पीने लायक जल सिर्फ दो प्रतिशत होता है। जल एक प्राकृतिक संसाधन है , इसका सोच समझकर इस्तेमाल करना चाहिए। निरंतर जल का गलत उपयोग और उसे बेवजह बर्बाद करने की आदत ने मनुष्य और जीव जंतुओं को मुश्किल में डाल दिया है।
जल सिर्फ मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों और पेड़ पौधों के लिए भी ज़रूरी होता है। पर्यावरण जल के बैगर नष्ट हो सकता है। आजकल भूमिगत जल में काफी गिरावट आयी है जिसके कारण ना सिर्फ गाँव बल्कि शहरों में भी पानी की दिक्कत पायी जाती है। जल धरती पर कई रूपों में पायी जाती है जैसे बर्फ के रूप में , नदियों और तालाबों में जल यानी तरल पदार्थ के रूप में और वाष्प के तौर पर पायी जाती है। वाष्प की वजह से वह बदल बनते है। इन्ही बादलो की वजह से बरसात होती है। वर्षा होती है , तभी जाकर भूमिगत जल का स्तर बढ़ता है। आजकल कई क्षेत्रों में अनावृष्टि के कारण पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं होता है।