यह एक कविता लगती है जो भावनात्मकता और सपनों के महत्व पर ध्यान केंद्रित करती है। इसमें कवि कह रहा है कि छिप-छिप अश्रु बहाने वालों और मोती व्यर्थ लुटाने वालों के पास सपने और उम्मीदें होती हैं जो जीवन को सांस देती हैं। सपने उस नयन सेज पर जागते हैं जो आँख में अपनी जीवनशक्ति को लेकर सो रही होती है। यह सपना है वह उत्साह जो कच्ची नींद जवानी जैसी गीली उम्र को खुशनुमा बनाता है। इसका मतलब है कि विरोधधास के बिना जीवन अर्थव्यवस्था को एक मंदिर की तरह स्थापित किया जा सकता है।
कृपया ध्यान दें कि यह कविता अनुवादित और भाषा में रूपांतरित किया गया है, इसलिए यहां कुछ संख्याएँ और विरोधधास का भाग चुटकुला से जुड़ सकते हैं। यदि आपको असली कविता की पूरी जानकारी चाहिए, तो आपको शायद इसके अतिरिक्त स्रोत की जांच करने की जरूरत होगी।
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यह एक कविता लगती है जो भावनात्मकता और सपनों के महत्व पर ध्यान केंद्रित करती है। इसमें कवि कह रहा है कि छिप-छिप अश्रु बहाने वालों और मोती व्यर्थ लुटाने वालों के पास सपने और उम्मीदें होती हैं जो जीवन को सांस देती हैं। सपने उस नयन सेज पर जागते हैं जो आँख में अपनी जीवनशक्ति को लेकर सो रही होती है। यह सपना है वह उत्साह जो कच्ची नींद जवानी जैसी गीली उम्र को खुशनुमा बनाता है। इसका मतलब है कि विरोधधास के बिना जीवन अर्थव्यवस्था को एक मंदिर की तरह स्थापित किया जा सकता है।
कृपया ध्यान दें कि यह कविता अनुवादित और भाषा में रूपांतरित किया गया है, इसलिए यहां कुछ संख्याएँ और विरोधधास का भाग चुटकुला से जुड़ सकते हैं। यदि आपको असली कविता की पूरी जानकारी चाहिए, तो आपको शायद इसके अतिरिक्त स्रोत की जांच करने की जरूरत होगी।