कबीर निराकर ईश्वर के उपासक थे निराकार ईश्वर की उपासना से क्या तात्पर्य है hi thank you princeks838e❤❤❤❤❤❤❤ so so much of thanks have a good time keep smiling ❤❤❤❤❤❤❤❤
वे भगवान के ऐसे भक्त थे, जिन्हें भगवान हर घट में दिखलाई पड़ता था। आडम्बर से दूर निगरुण-निराकार ब्रह्म का दर्शन अपने भीतर प्राप्त करते हुए उनकी भक्ति में निमग्न रहते थे। अपने अनुयायियों को धर्म की सही दिशा देते रहते थे।
वे भगवान के ऐसे भक्त थे, जिन्हें भगवान हर घट में दिखलाई पड़ता था। आडम्बर से दूर निगरुण-निराकार ब्रह्म का दर्शन अपने भीतर प्राप्त करते हुए उनकी भक्ति में निमग्न रहते थे। अपने अनुयायियों को धर्म की सही दिशा देते रहते थे।
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वे भगवान के ऐसे भक्त थे, जिन्हें भगवान हर घट में दिखलाई पड़ता था। आडम्बर से दूर निगरुण-निराकार ब्रह्म का दर्शन अपने भीतर प्राप्त करते हुए उनकी भक्ति में निमग्न रहते थे। अपने अनुयायियों को धर्म की सही दिशा देते रहते थे।
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