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Answer:hey.... hope my answer helps you..plz mark me as brainliest ❤️:)Explanation:
Answer:hey.... hope my answer helps you..plz mark me as brainliest ❤️:)Explanation:कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य – कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाते समय निम्न परिवर्तन किये जाते हैं— 1. कर्तृवाच्य के कर्ता की प्रथमा विभक्ति के स्थान पर कर्मवाच्य में तृतीया विभक्ति हो जाती है। जैसे- - 2. कर्तृवाच्य के कर्म को द्वितीया विभक्ति के स्थान पर कर्मवाच्य में प्रथमा विभक्त हो जाती है।
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्यकर्तृवाच्य के साथ लगी विभक्ति हटा दी जाती है और कर्त्ता कारक में करण कारक के चिह्न 'से'या केद्वारा' का प्रयोग करना चाहिए।
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्यकर्तृवाच्य के साथ लगी विभक्ति हटा दी जाती है और कर्त्ता कारक में करण कारक के चिह्न 'से'या केद्वारा' का प्रयोग करना चाहिए।कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को समान्य भूतकाल की क्रिया में बदला जाता है। ...
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्यकर्तृवाच्य के साथ लगी विभक्ति हटा दी जाती है और कर्त्ता कारक में करण कारक के चिह्न 'से'या केद्वारा' का प्रयोग करना चाहिए।कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को समान्य भूतकाल की क्रिया में बदला जाता है। ...कर्म के साथ कोई परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है।
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्यकर्तृवाच्य के साथ लगी विभक्ति हटा दी जाती है और कर्त्ता कारक में करण कारक के चिह्न 'से'या केद्वारा' का प्रयोग करना चाहिए।कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को समान्य भूतकाल की क्रिया में बदला जाता है। ...कर्म के साथ कोई परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है।कर्म को चिह्न-रहित करना चाहिए।
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क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है। दूसरे शब्दों में- क्रिया के जिस रूपान्तर से यह ज्ञात हो कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रधान विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते
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कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य
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