अध्ययन में शामिल बिल्लियों में आधी अपने मालिक की आवाज़ को सुनकर पीछे मुड़कर देखती हैं और एक तिहाई बिल्लियाँ कान हिलाती हैं. ये दर्शाता है कि उसने आपकी आवाज़ सुन ली है.
लेकिन महज 10 फ़ीसदी बिल्लियां ही आपकी आवाज़ सुनकर या तो पूंछ हिलाती हैं या फिर म्याऊं-म्याऊं की आवाज़ निकालती हैं. इन दो संकेतों के जरिए बिल्लियाँ प्रतिक्रिया जताती हैं. यानी आपकी आवाज़ को सुनने के बाद भी ज़रूरी नहीं है कि बिल्ली प्रतिक्रिया जताएगी.
हम ये भी जानते हैं कि जब कोई हम पर ध्यान नहीं देता है तो उसका ध्यान खींचने के लिए हम कहीं ज़्यादा कोशिश करते हैं.
2. भूख लगने पर म्याऊं-म्याऊं
बिल्ली अलग अलग परिस्थितियों में म्याऊं-म्याऊं की भिन्न आवाज़ निकालती है.
ससेक्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक केरेन ह्यूम हर दिन अपनी बिल्ली की अजीबोग़रीब आवाज़ से सुबह सुबह जग जाती थीं. उन्होंने अपनी बिल्ली की आवाज़ पर ही अध्ययन करना शुरू किया.
उन्होंने पाया कि बिल्ली दो फ्रीक्वेंसी में आवाज़ निकाल सकती है. एक आवाज़ स्लो फ्रीक्वेंसी वाली होती है जबकि दूसरी आवाज़ हाई फ्रीक्वेंसी की होती है. हाई फ्रीक्वेंसी की आवाज़ 380 हर्टज़ की हो सकती है.
ये वही फ्रीक्वेंसी है जिसमें कोई बच्चा रोते हुए आवाज़ निकालता है.
यानी बिल्ली जब हाई फ्रीक्वेंसी में आवाज़ निकालती है तो आपको किसी बच्चे के रोने का आभास होता है. भूख लगने पर वो ऐसी आवाज़ निकाल सकती है ताकि आप उसे खाना खिलाएं.
अध्ययन में शामिल बिल्लियों में आधी अपने मालिक की आवाज़ को सुनकर पीछे मुड़कर देखती हैं और एक तिहाई बिल्लियाँ कान हिलाती हैं. ये दर्शाता है कि उसने आपकी आवाज़ सुन ली है.
लेकिन महज 10 फ़ीसदी बिल्लियां ही आपकी आवाज़ सुनकर या तो पूंछ हिलाती हैं या फिर म्याऊं-म्याऊं की आवाज़ निकालती हैं. इन दो संकेतों के जरिए बिल्लियाँ प्रतिक्रिया जताती है. यानी आपकी आवाज़ को सुनने के बाद भी ज़रूरी नहीं है कि बिल्ली प्रतिक्रिया जताएगी.
हम ये भी जानते हैं कि जब कोई हम पर ध्यान नहीं देता है तो उसका ध्यान खींचने के लिए हम कहीं ज्यादा कोशिश करते हैं.
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Explanation:
अध्ययन में शामिल बिल्लियों में आधी अपने मालिक की आवाज़ को सुनकर पीछे मुड़कर देखती हैं और एक तिहाई बिल्लियाँ कान हिलाती हैं. ये दर्शाता है कि उसने आपकी आवाज़ सुन ली है.
लेकिन महज 10 फ़ीसदी बिल्लियां ही आपकी आवाज़ सुनकर या तो पूंछ हिलाती हैं या फिर म्याऊं-म्याऊं की आवाज़ निकालती हैं. इन दो संकेतों के जरिए बिल्लियाँ प्रतिक्रिया जताती हैं. यानी आपकी आवाज़ को सुनने के बाद भी ज़रूरी नहीं है कि बिल्ली प्रतिक्रिया जताएगी.
हम ये भी जानते हैं कि जब कोई हम पर ध्यान नहीं देता है तो उसका ध्यान खींचने के लिए हम कहीं ज़्यादा कोशिश करते हैं.
2. भूख लगने पर म्याऊं-म्याऊं
बिल्ली अलग अलग परिस्थितियों में म्याऊं-म्याऊं की भिन्न आवाज़ निकालती है.
ससेक्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक केरेन ह्यूम हर दिन अपनी बिल्ली की अजीबोग़रीब आवाज़ से सुबह सुबह जग जाती थीं. उन्होंने अपनी बिल्ली की आवाज़ पर ही अध्ययन करना शुरू किया.
उन्होंने पाया कि बिल्ली दो फ्रीक्वेंसी में आवाज़ निकाल सकती है. एक आवाज़ स्लो फ्रीक्वेंसी वाली होती है जबकि दूसरी आवाज़ हाई फ्रीक्वेंसी की होती है. हाई फ्रीक्वेंसी की आवाज़ 380 हर्टज़ की हो सकती है.
ये वही फ्रीक्वेंसी है जिसमें कोई बच्चा रोते हुए आवाज़ निकालता है.
यानी बिल्ली जब हाई फ्रीक्वेंसी में आवाज़ निकालती है तो आपको किसी बच्चे के रोने का आभास होता है. भूख लगने पर वो ऐसी आवाज़ निकाल सकती है ताकि आप उसे खाना खिलाएं.
Answer:
अध्ययन में शामिल बिल्लियों में आधी अपने मालिक की आवाज़ को सुनकर पीछे मुड़कर देखती हैं और एक तिहाई बिल्लियाँ कान हिलाती हैं. ये दर्शाता है कि उसने आपकी आवाज़ सुन ली है.
लेकिन महज 10 फ़ीसदी बिल्लियां ही आपकी आवाज़ सुनकर या तो पूंछ हिलाती हैं या फिर म्याऊं-म्याऊं की आवाज़ निकालती हैं. इन दो संकेतों के जरिए बिल्लियाँ प्रतिक्रिया जताती है. यानी आपकी आवाज़ को सुनने के बाद भी ज़रूरी नहीं है कि बिल्ली प्रतिक्रिया जताएगी.
हम ये भी जानते हैं कि जब कोई हम पर ध्यान नहीं देता है तो उसका ध्यान खींचने के लिए हम कहीं ज्यादा कोशिश करते हैं.
Explanation:
plz mark me brainlist
ky bolaych ahe ka