कुमार गंधर्व भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम है। इनका जन्म 1924 ई. में कर्नाटक राज्य में बेलगाँव जिले के सुलेभावि में हुआ। इनका मूल नाम शिवपुत्र साढ़िदारमैया कामकली है। ये बचपन में ही संगीत के प्रति समर्पित हो गए। मात्र दस वर्ष की उम्र में इन्होंने गायकी की पहली मंचीय प्रस्तुति की। इनके संगीत की मुख्य विशेषता मालवा लोकधुनों और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का सुंदर सामंजस्य है जिसका अद्भुत नमूना कबीर के पदों का उनके द्वारा गायन है। इन्होंने लोगों में रचे-बसे लुप्तप्राय पदों का संग्रह कर और उन्हें स्वरों में बाँधकर इन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी। इनकी संगीत-साधना को देखते हुए इन्हें कालिदास सम्मान और पद्मविभूषण सहित बहुत-से सम्मानों से अलंकृत किया गया। इनका देहावसान 1992 ई. में हुआ।
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कुमार गंधर्व भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम है। इनका जन्म 1924 ई. में कर्नाटक राज्य में बेलगाँव जिले के सुलेभावि में हुआ। इनका मूल नाम शिवपुत्र साढ़िदारमैया कामकली है। ये बचपन में ही संगीत के प्रति समर्पित हो गए। मात्र दस वर्ष की उम्र में इन्होंने गायकी की पहली मंचीय प्रस्तुति की। इनके संगीत की मुख्य विशेषता मालवा लोकधुनों और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का सुंदर सामंजस्य है जिसका अद्भुत नमूना कबीर के पदों का उनके द्वारा गायन है। इन्होंने लोगों में रचे-बसे लुप्तप्राय पदों का संग्रह कर और उन्हें स्वरों में बाँधकर इन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी। इनकी संगीत-साधना को देखते हुए इन्हें कालिदास सम्मान और पद्मविभूषण सहित बहुत-से सम्मानों से अलंकृत किया गया। इनका देहावसान 1992 ई. में हुआ।
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गाना समाप्त होते ही गायिका का नाम घोषित किया गया- लता ...
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