माँ : तुम्हे इस समय अपनी परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए । ये कार्यक्रम तो तुम बाद में भी देख सकती हो ।
बेटी : माँ मेरी तैयारी ठीक चल रही है । आप परेशान ना हों ।
माँ : यही तो परेशान होने वाली बात है बेटा कि तुम्हारी तैयारी ठीक ही चलती है इसलिए परीक्षा में अंक भी ठीक ही आते हैं । यदि जितना मन लगाकर तुम टेलीविजन देखती हो उतना ही मन लगाकर परीक्षा की तैयारी करतीं तो परीक्षा में अंक भी अच्छे आते ।
बेटी : नहीं माँ । इस बार आप देख लेना मेरा परीक्षा फल अच्छा ही आएगा ।
मोनिका : माँ मैंने कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है ।
माँ : अरे वाह ! यह तो बहुत ही ख़ुशी के बात है । आखिर तुम्हारी मेहनत रंग लाई । तुम तो बेकार ही घबरा रही थीं कि पता नहीं कैसा परीक्षाफल आएगा ?
मोनिका : हाँ माँ, इस बार प्रश्नपत्र बहुत ही कठिन आये थे इसलिए मुझे लग रहा था कि पता नहीं क्या होगा ?
माँ : बेटी प्रश्न आयेंगे तो पाठ से ही । यदि अच्छे से पाठ पढ़ा हो, समझा हो जैसा कि तुमने किया है तो कुछ भी प्रश्न आये, उसे हल करने में परेशानी नहीं होती ।
मोनिका : माँ, आप सही कह रही हो । जैसा कि आपने कहा था मैंने हर पाठ की अच्छे से तैयारी की थी इसलिए कठिन प्रश्न भी हो गए । जो कि कुछ बच्चों ने तो करे तक नहीं । माँ आपको पता है मैडम ने सभी बच्चों के आगे और प्रधानाध्यापक के आगे भी मेरी तारीफ की ।
माँ : मैं न कहती थी कि काम हो या पढ़ाई मेहनत और ईमानदारी से करो तो फल भी अच्छा ही मिलता है । अब तुम्हे ही देख लो तुम्हे कितनी ख़ुशी हो रही है और हाँ हमेशा के लिए इस बात को अब गाँठ बाँध लो जीवन में हमेशा आगे ही बढ़ोगी ।
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बेटी : माँ अभी-अभी ही तो देखना शुरू किया है ।
माँ : तुम्हे इस समय अपनी परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए । ये कार्यक्रम तो तुम बाद में भी देख सकती हो ।
बेटी : माँ मेरी तैयारी ठीक चल रही है । आप परेशान ना हों ।
माँ : यही तो परेशान होने वाली बात है बेटा कि तुम्हारी तैयारी ठीक ही चलती है इसलिए परीक्षा में अंक भी ठीक ही आते हैं । यदि जितना मन लगाकर तुम टेलीविजन देखती हो उतना ही मन लगाकर परीक्षा की तैयारी करतीं तो परीक्षा में अंक भी अच्छे आते ।
बेटी : नहीं माँ । इस बार आप देख लेना मेरा परीक्षा फल अच्छा ही आएगा ।
Answer:
माँ : कैसा रहा तुम्हारा परीक्षाफल ? दिखाओ तो ।
मोनिका : माँ मैंने कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है ।
माँ : अरे वाह ! यह तो बहुत ही ख़ुशी के बात है । आखिर तुम्हारी मेहनत रंग लाई । तुम तो बेकार ही घबरा रही थीं कि पता नहीं कैसा परीक्षाफल आएगा ?
मोनिका : हाँ माँ, इस बार प्रश्नपत्र बहुत ही कठिन आये थे इसलिए मुझे लग रहा था कि पता नहीं क्या होगा ?
माँ : बेटी प्रश्न आयेंगे तो पाठ से ही । यदि अच्छे से पाठ पढ़ा हो, समझा हो जैसा कि तुमने किया है तो कुछ भी प्रश्न आये, उसे हल करने में परेशानी नहीं होती ।
मोनिका : माँ, आप सही कह रही हो । जैसा कि आपने कहा था मैंने हर पाठ की अच्छे से तैयारी की थी इसलिए कठिन प्रश्न भी हो गए । जो कि कुछ बच्चों ने तो करे तक नहीं । माँ आपको पता है मैडम ने सभी बच्चों के आगे और प्रधानाध्यापक के आगे भी मेरी तारीफ की ।
माँ : मैं न कहती थी कि काम हो या पढ़ाई मेहनत और ईमानदारी से करो तो फल भी अच्छा ही मिलता है । अब तुम्हे ही देख लो तुम्हे कितनी ख़ुशी हो रही है और हाँ हमेशा के लिए इस बात को अब गाँठ बाँध लो जीवन में हमेशा आगे ही बढ़ोगी ।