राष्ट्रीय उन्नति के लिए वैचारिक क्रांति की आवश्यकता है -
आधुनिक युग वैचारिक पतन से गुजर रहा है।
सभी लोग उन्नति के बजाय आधुनिकता के नाम पर
अवनति की ओर बढ़ रहे हैं। परिवर्तन के नाम पर लोग हर क्षेत्र में नीचे गिरते जा रहे हैं।
आधुनिक युग वैचारिक पतन से गुजर रहा है। सभी लोग उन्नति के बजाय आधुनिकता के नाम पर अवनति की ओर बढ़ रहे हैं। परिवर्तन के नाम पर लोग हर क्षेत्र में नीचे गिरते जा रहे हैं। यह बदलाव नहीं मानसिक भ्रष्टाचार है। अब बड़ी वैचारिक क्रांति की आवश्यकता है। जिससे समाज, धर्म और संस्कृति को सुरक्षित रखा जा सकता है।
राष्ट्रीय उन्नति के लिए वैचारिक क्रांति की आवश्यकता है, इसके निम्नलिखित कारण हैं।
आज का समाज वैचारिक पतन से गुजर रहा है।
लोग उन्नति के बजाय अवनति की ओर अग्रसर हो रहे है जिसका कारण है आधुनिकता ।
लोग परिवर्तन के नाम पर हर क्षेत्र में नीचे गिर रहे है।
मानसिक भ्रष्टाचार को बदलाव का नाम दिया जा रहा है।
इन सब कारणों के कारण वैचारिक क्रांति अति आवश्यक है।
वैचारिक क्रांति से समाज , धर्म तथा संस्कृति सुरक्षित रह सकते है।
आज खान पान , गीत संगीत, परिधान, फैशन ,रिश्ते, मनोरंजन , व्यवहार, त्योहार ,शिक्षा ,व व्यापार हर क्षेत्र में पतन हो रहा है, हम इस पतन को उत्थान मान रहे है।
हमें यह समझना होगा कि संस्कृति के गौरव की रक्षा किस प्रकार करनी है।
हम यह नहीं समझ पा रहे है कि सुख लक्ष्मी से भी जबकि सरस्वती से प्राप्त होगा क्योंकि धन के सुख से अधिक मन की शांति महत्वपूर्ण है परन्तु आज हर व्यक्ति को धन प्राप्त करने की लालसा है, सब इसी दौड़ में लगे हुए है।
वैचारिक क्रांति से हम इन सभी बातों में परिवर्तन ला सकते है।
हमारे देश में वैचारिक परिवर्तन लाने के लिए मिशन किए जा रहे है।उदाहरण के तौर पर जैन आचार्य विमलसागर सुरी ने ऊटी के कलहटी में धर्म सभा आयोजित की।
वे वैचारिक परिवर्तन के मिशन को लेकर दक्षिण भारत की यात्रा पर निकले है।
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राष्ट्रीय उन्नति के लिए वैचारिक क्रांति की आवश्यकता है -
आधुनिक युग वैचारिक पतन से गुजर रहा है।
सभी लोग उन्नति के बजाय आधुनिकता के नाम पर
अवनति की ओर बढ़ रहे हैं। परिवर्तन के नाम पर लोग हर क्षेत्र में नीचे गिरते जा रहे हैं।
आधुनिक युग वैचारिक पतन से गुजर रहा है। सभी लोग उन्नति के बजाय आधुनिकता के नाम पर अवनति की ओर बढ़ रहे हैं। परिवर्तन के नाम पर लोग हर क्षेत्र में नीचे गिरते जा रहे हैं। यह बदलाव नहीं मानसिक भ्रष्टाचार है। अब बड़ी वैचारिक क्रांति की आवश्यकता है। जिससे समाज, धर्म और संस्कृति को सुरक्षित रखा जा सकता है।
राष्ट्रीय उन्नति के लिए वैचारिक क्रांति की आवश्यकता है, इसके निम्नलिखित कारण हैं।
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