मोहनदास करमचन्द गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ । उनके पिता राजकोट के दीवान थे । उनकी माता एक धार्मिक महिला थीं । स्वतन्त्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेने और देश को स्वतन्त्र कराने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के कारण उनको राष्ट्रपिता कहा गया ।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत के एक महान देशभक्त और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे। वो स्वदेशानुराग और जोशपूर्ण देशभक्ति के एक प्रतीक थे। हर भारतीय बच्चे को उनको और भारत की स्वतंत्रता के लिये किये गये उनके कार्यों के बारे में जरुर जानना चाहिये। इनका जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक हिन्दू परिवार में हुआ था।
सरदार भगत सिंह का नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्त सिख परिवार में हुआ था, जिसका अनुकूल प्रभाव उन पर पड़ा था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था।
परिचय : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी एवं माता का नाम जगदानी देवी था। उनके पिता ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे।
सुखदेव का जन्म लुधियाना में 15 मई 1907 को हुआ था। उनके पिता जी का नाम रामलाल है और माता का नाम श्रीमती लल्ली देवी था। बचपन से ही सुखदेव ने ब्रिटिश राज के अत्याचारों को समझना शुरू कर दिया था। छोटी उम्र में ही वह समझ गए थे कि देश के लिए आजादी कितनी महत्पवपूर्ण है।
प्रस्तावना स्वतंत्रता सेनानी वे बहादुर और साहसी लोग थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन से अपने देश के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने अंतहीन बलिदान दिए ताकि हम अपने देश में स्वतंत्र रूप से रह सकें और खुशियों का जीवन जी सकें। ब्रिटिशर्स भारतीयों पर शोषण के कई अन्यायपूर्ण कार्य करते थे।
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Answer:मोहनदास करमचन्द गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ । उनके पिता राजकोट के दीवान थे । उनकी माता एक धार्मिक महिला थीं । स्वतन्त्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेने और देश को स्वतन्त्र कराने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के कारण उनको राष्ट्रपिता कहा गया ।
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मोहनदास करमचन्द गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ । उनके पिता राजकोट के दीवान थे । उनकी माता एक धार्मिक महिला थीं । स्वतन्त्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेने और देश को स्वतन्त्र कराने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के कारण उनको राष्ट्रपिता कहा गया ।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत के एक महान देशभक्त और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे। वो स्वदेशानुराग और जोशपूर्ण देशभक्ति के एक प्रतीक थे। हर भारतीय बच्चे को उनको और भारत की स्वतंत्रता के लिये किये गये उनके कार्यों के बारे में जरुर जानना चाहिये। इनका जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक हिन्दू परिवार में हुआ था।
सरदार भगत सिंह का नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्त सिख परिवार में हुआ था, जिसका अनुकूल प्रभाव उन पर पड़ा था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था।
परिचय : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी एवं माता का नाम जगदानी देवी था। उनके पिता ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे।
सुखदेव का जन्म लुधियाना में 15 मई 1907 को हुआ था। उनके पिता जी का नाम रामलाल है और माता का नाम श्रीमती लल्ली देवी था। बचपन से ही सुखदेव ने ब्रिटिश राज के अत्याचारों को समझना शुरू कर दिया था। छोटी उम्र में ही वह समझ गए थे कि देश के लिए आजादी कितनी महत्पवपूर्ण है।
प्रस्तावना स्वतंत्रता सेनानी वे बहादुर और साहसी लोग थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन से अपने देश के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने अंतहीन बलिदान दिए ताकि हम अपने देश में स्वतंत्र रूप से रह सकें और खुशियों का जीवन जी सकें। ब्रिटिशर्स भारतीयों पर शोषण के कई अन्यायपूर्ण कार्य करते थे।
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On mahatma gandhi
Answer:मोहनदास करमचन्द गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ । उनके पिता राजकोट के दीवान थे । उनकी माता एक धार्मिक महिला थीं । स्वतन्त्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेने और देश को स्वतन्त्र कराने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के कारण उनको राष्ट्रपिता कहा गया ।