मैं असत्य बोल नहीं सकता था इसलिए आप जब-जब मुझसे पूछते मेरा यही जवाब होता।'' ''आखिरकार जब मैंने अपने क्रोध पर काबू पा लिया तभी मैं आपसे यह कह पाया कि हां, मुझे पाठ याद हो गया है।'' यह सुन द्रोणाचार्य ने युधिष्ठिर को गले लगा लिया और शिष्यों को समझाया कि शिक्षा जब मन में इतनी गहरी उतर जाए तभी उसके सही परिणाम मिलते हैं।
Answers & Comments
Answer:
मैं असत्य बोल नहीं सकता था इसलिए आप जब-जब मुझसे पूछते मेरा यही जवाब होता।'' ''आखिरकार जब मैंने अपने क्रोध पर काबू पा लिया तभी मैं आपसे यह कह पाया कि हां, मुझे पाठ याद हो गया है।'' यह सुन द्रोणाचार्य ने युधिष्ठिर को गले लगा लिया और शिष्यों को समझाया कि शिक्षा जब मन में इतनी गहरी उतर जाए तभी उसके सही परिणाम मिलते हैं।
*MARK ME AS BRAINLIEST*
❤❤❤