स्वास्थ्य वैज्ञानिक आजकल खानपान की बदलती प्रवृत्तियों को स्वास्थ्य के लिये खतरनाक बता रहे हैं। आज का युवा वर्ग बा•ार में बने भोज्य पदार्थों के साथ ही ठंडे पेय का उपयोग कर रहा है। जिस कारण बड़ी आयु में होने वाले विकार अब उनमें भी दिखाई देने लगे हैं। जहां पहले युवा वर्ग को देखकर यह माना जाता था कि वह एक बेहतर स्वास्थ्य का स्वामी है और चाहे जो काम करना चाहे कर सकता है। पर अब यह सोच खत्म हो रही है। अपच्य भोज्य पदार्थों और ठंडे पेय का सेवन युवाओं के शरीर में ऐसे विकारों को पैदा कर रहा है जो 60- 70 वर्ष की आयु में होते हैं। मनु स्मृति में कहा गया है
न भु†जीतोद्धतस्नेहं नातिसौहित्यमाचरेत्।नातिप्रगे नातिसायं न सत्यं प्रतराशित:।
खानपान की मिश्रित संस्कृति के हम कई बार चीज़ों का असली स्वाद क्यों नहीं ले पाते? Answer: खानपान की मिश्रित संस्कृति में हम कई चीज़ों का असली स्वाद नहीं ले पाते क्योंकि एक ही बार में ढेरों चीजें परोस दी जाती हैं। अलग-अलग रूप में किसी का भी स्वाद नहीं लिया जाता। 'सरसता' और 'अनुकूल' का विलोम लिखिए।
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स्वास्थ्य वैज्ञानिक आजकल खानपान की बदलती प्रवृत्तियों को स्वास्थ्य के लिये खतरनाक बता रहे हैं। आज का युवा वर्ग बा•ार में बने भोज्य पदार्थों के साथ ही ठंडे पेय का उपयोग कर रहा है। जिस कारण बड़ी आयु में होने वाले विकार अब उनमें भी दिखाई देने लगे हैं। जहां पहले युवा वर्ग को देखकर यह माना जाता था कि वह एक बेहतर स्वास्थ्य का स्वामी है और चाहे जो काम करना चाहे कर सकता है। पर अब यह सोच खत्म हो रही है। अपच्य भोज्य पदार्थों और ठंडे पेय का सेवन युवाओं के शरीर में ऐसे विकारों को पैदा कर रहा है जो 60- 70 वर्ष की आयु में होते हैं। मनु स्मृति में कहा गया है
न भु†जीतोद्धतस्नेहं नातिसौहित्यमाचरेत्।नातिप्रगे नातिसायं न सत्यं प्रतराशित:।
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