सच्चा साधु तो हर जगह केवल परम प्रभु की कृपा का ही चमत्कार देखता है। कभी उसका श्रेय स्वयं नहीं लेता। 'दमस्कार' के दूर रहने का अर्थ है कि सच्चा साधु कभी अपने लिए धन एकत्र नहीं करता और न किसी से धन की याचना करता है। वह केवल अपनी आवश्यकता की न्यूनतम वस्तुएं माँग सकता है, कोई संग्रह नहीं करता।
Answers & Comments
Answer:
सच्चा साधु तो हर जगह केवल परम प्रभु की कृपा का ही चमत्कार देखता है। कभी उसका श्रेय स्वयं नहीं लेता। 'दमस्कार' के दूर रहने का अर्थ है कि सच्चा साधु कभी अपने लिए धन एकत्र नहीं करता और न किसी से धन की याचना करता है। वह केवल अपनी आवश्यकता की न्यूनतम वस्तुएं माँग सकता है, कोई संग्रह नहीं करता।