दिए गए अंश को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें

जनवरी का महीना था. ठंड से बचने के लिए पक्षियों ने भी अपने पंख फूला रखे थे। अपने दलान के सामने नीम के पेड़ के नीचे ही शंकर ने अलाव जला रखा था। पड़ोस के भी कुछ बच्चे वही ताप रहे थे। हवा जब थोड़ी तेज होती जलती लकड़ियों से चिंगारियां छूटने लगती. आग के दहकते गोलो को छोड़ कर उठने का किसी का मन नहीं होता। श्याम ने कहा- पिताजी अगर आग न हो तो जीवन बेकार हो जाए। शंकर ने कहा- हन बेटा या आग अगर बाहर जले तो दुनिया तपती है लेकिन भीतर जले तो दुनिया हंसती हैl अब देखो ना अगर भूख लग जाए और भोजन ना मिले तो पीड़ा सहन नहीं होती इसलिए पूर्वजों ने कहा है कि अगर ना होता पेट तो ना होती किसी से भेंट।

(क) ठंड से बचने के लिए पक्षियों ने क्या किया?
ans--
(ख) हवा चलने पर क्या होता था?
ans--
(ग) श्याम ने अपने पिता जी से क्या कहा?
ans--
(घ) पूर्वजों ने क्या कहा है
ans--
(ड) प्रोक्त गद्यांश के लिए उचित शीर्ष लिखिए।
ans--

please answer me
Whoever has the courage, show it by proving it, then he will agree.
जिसमें हिम्मत हो वो साबित करके दिखाए, तो वो मान जाएगा.​

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