विवरणात्मक- किसी ऐतिहासिक, पौराणिक या आकस्मिक घटना का वर्णन विवरणात्मक निबंध कहलाता है।
यात्रा, घटना, मैच, मेला, ऋतु, संस्मरण आदि का विवरण लिखा जाता है। विवरणात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए-
1. यदि विषय 'ऐतिहासिक' हो
(a) घटना का समय एवं स्थान (b) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
(c) कारण, वर्णन एवं फलाफल (d) इष्ट-अनिष्ट की समालोचना एवं आपका मंतव्य
2. यदि विषय 'जीवन-चरित्र' हो
(a) परिचय, जन्म, वंश, माता-पिता, बचपन (b) विद्या, कार्यकाल, यश, पेशा आदि (c) देश के लिए योगदान
(d) गुण-दोष (e) मृत्यु, उपसंहार (f) भावी पीढ़ी के लिए उनका आदर्श
3. यदि विषय 'भ्रमण-वृत्तांत' हो
(a) परिचय, उद्देश्य, समय, आरंभ (b) यात्रा का विवरण (c) हानि-लाभ
(d) सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं कला-संस्कृति का विवरण (e) समालोचना एवं उपसंहार
4. यदि विषय 'आकस्मिक घटना' हो
(a) परिचय (b) तारीख स्थान एवं कारण (c) विवरण एवं अन्त
(d) फलाफल (e) समालोचना (व्यक्ति एवं समाज आदि पर कैसा प्रभाव ?)
) विचारात्मक- किसी गुण, दोष, धर्म या फलाफल का वर्णन विचारात्मक निबंध कहलाता है।
इस निबंध में किसी देखी या सुनी हुई बात का वर्णन नहीं होता; इसमें केवल कल्पना और चिंतनशक्ति से काम लिया जाता है। विचारात्मक निबंध उक्त दोनों प्रकारों से अधिक श्रमसाध्य होता है। अतएव, इसके लिए विशेष रूप से अभ्यास की आवश्यकता होती है। इस तरह के निबंध-लेखन के लिए छात्रों को आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, श्यामसुन्दर दास, श्रीहरि दामोदर आदि प्रबुद्ध लेखकों की रचनाएँ पढ़नी चाहिए।
विचारात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलखित विभागों में बाँटना चाहिए-
(a) अर्थ, परिभाषा, भूमिका और परिचय
(b) सार्वजनिक या सामाजिक, स्वाभाविक या अभ्यासलभ्य कारण
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Explanation:
विवरणात्मक- किसी ऐतिहासिक, पौराणिक या आकस्मिक घटना का वर्णन विवरणात्मक निबंध कहलाता है।
यात्रा, घटना, मैच, मेला, ऋतु, संस्मरण आदि का विवरण लिखा जाता है। विवरणात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए-
1. यदि विषय 'ऐतिहासिक' हो
(a) घटना का समय एवं स्थान (b) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
(c) कारण, वर्णन एवं फलाफल (d) इष्ट-अनिष्ट की समालोचना एवं आपका मंतव्य
2. यदि विषय 'जीवन-चरित्र' हो
(a) परिचय, जन्म, वंश, माता-पिता, बचपन (b) विद्या, कार्यकाल, यश, पेशा आदि (c) देश के लिए योगदान
(d) गुण-दोष (e) मृत्यु, उपसंहार (f) भावी पीढ़ी के लिए उनका आदर्श
3. यदि विषय 'भ्रमण-वृत्तांत' हो
(a) परिचय, उद्देश्य, समय, आरंभ (b) यात्रा का विवरण (c) हानि-लाभ
(d) सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं कला-संस्कृति का विवरण (e) समालोचना एवं उपसंहार
4. यदि विषय 'आकस्मिक घटना' हो
(a) परिचय (b) तारीख स्थान एवं कारण (c) विवरण एवं अन्त
(d) फलाफल (e) समालोचना (व्यक्ति एवं समाज आदि पर कैसा प्रभाव ?)
) विचारात्मक- किसी गुण, दोष, धर्म या फलाफल का वर्णन विचारात्मक निबंध कहलाता है।
इस निबंध में किसी देखी या सुनी हुई बात का वर्णन नहीं होता; इसमें केवल कल्पना और चिंतनशक्ति से काम लिया जाता है। विचारात्मक निबंध उक्त दोनों प्रकारों से अधिक श्रमसाध्य होता है। अतएव, इसके लिए विशेष रूप से अभ्यास की आवश्यकता होती है। इस तरह के निबंध-लेखन के लिए छात्रों को आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, श्यामसुन्दर दास, श्रीहरि दामोदर आदि प्रबुद्ध लेखकों की रचनाएँ पढ़नी चाहिए।
विचारात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलखित विभागों में बाँटना चाहिए-
(a) अर्थ, परिभाषा, भूमिका और परिचय
(b) सार्वजनिक या सामाजिक, स्वाभाविक या अभ्यासलभ्य कारण
(c) संचय, तुलना, गुण एवं दोष (d) हानि-लाभ
(e) दृष्टांत, प्रमाण आदि (f) उपसंहार