नमस्कार, यहI Ayush है। मुझे आपकी मदद करने में खुशी होगी।
"भीमराव अपनी धुन के पक्के थे" यह कहावत उनके स्वाभिमान, स्वतंत्रता, संघर्ष, और अपने लक्ष्य के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाती है। भीमराव आंबेडकर एक महान विद्वान, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। [1] उन्होंने दलितों, महिलाओं, किसानों, और श्रमिकों के हक की लड़ाई में सबसे आगे रहे। [2] उन्होंने हिंदू समाज की प्रथा-परंपरा को समीक्षा करके, समाज में प्रचलित असमानता, पाखंड, और प्रताड़ना का पर्दाफाश किया। [3] [4] [5] [6]
भीमराव को प्रतिकूल परिस्थितियों में पला-पोसा, परन्तु उनका मन हमेशा सीखने, पढ़ने, और सुधारने की ही धुन में रहता। [7] उन्होंने समता, स्वतंत्रता, मानवता, और सहिष्णुता के मूल्यों को समाज में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्धता से काम किया। [8] उनकी सोच, कलम, कर्म,
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PLEASE MARK ME BRAINLIST "I AM NOT FORCING YOU'' ♥️ ♥️
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भीमराव को प्रतिकूल परिस्थितियों में पला-पोसा, परन्तु उनका मन हमेशा सीखने, पढ़ने, और सुधारने की ही धुन में रहता। [7] उन्होंने समता, स्वतंत्रता, मानवता, और सहिष्णुता के मूल्यों को समाज में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्धता से काम किया। [8] उनकी सोच, कलम, कर्म,
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भीमराव अंबडेकर के चलते ही दलित समाज को भारत में सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल ...