(ख) पिता और पुत्री चाहे कितनी भी दूर-दूर रहें उनके मन में सदैव एक-दूसरे के लिए अथाह प्रेम रहता है। इस तथ्य की पुष्टि में अपना संस्मरण लिखिए। पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।
पिता और पुत्री चाहे कितनी भी दूर-दूर रहें उनके मन में सदैव एक-दूसरे के लिए अथाह प्रेम रहता है। इस तथ्य की पुष्टि में अपना संस्मरण लिखिए। पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।जब पिता और पुत्री दूर दूर रहते हैं, वे अपने मन में सदैव एक-दूसरे के लिए अथाह प्रेम रखते हैं। यह रिश्ता अत्यंत मजबूत होता है और किसी भी दूरी को भी नहीं बदल सकता। चाहे वे कितनी भी दूर रहें, उनका प्यार और समर्पण हमेशा बना रहता है। यह एक अद्वितीय बंधन है जिसमें प्रेम और चिंता का आभास होता है।
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पिता और पुत्री चाहे कितनी भी दूर-दूर रहें उनके मन में सदैव एक-दूसरे के लिए अथाह प्रेम रहता है। इस तथ्य की पुष्टि में अपना संस्मरण लिखिए। पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।जब पिता और पुत्री दूर दूर रहते हैं, वे अपने मन में सदैव एक-दूसरे के लिए अथाह प्रेम रखते हैं। यह रिश्ता अत्यंत मजबूत होता है और किसी भी दूरी को भी नहीं बदल सकता। चाहे वे कितनी भी दूर रहें, उनका प्यार और समर्पण हमेशा बना रहता है। यह एक अद्वितीय बंधन है जिसमें प्रेम और चिंता का आभास होता है।
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