आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-
आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-
आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-क्यों बुरा काम करने वाले लोग इतने सुखी होते हैं, मजे में होते हैं और वहीं अच्छे लोग हमेशा पूजा पाठ करते दिखते हैं किंतु दुखी होते हैं?
आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-क्यों बुरा काम करने वाले लोग इतने सुखी होते हैं, मजे में होते हैं और वहीं अच्छे लोग हमेशा पूजा पाठ करते दिखते हैं किंतु दुखी होते हैं?दरअसल, मैं बचपन से अपनी नानी जी को देखता आया हूँ। वे नियमित पाठ पूजा करती हैं और ईश्वर पर इतना विश्वास है कि बस यह कह कर सारी समस्याओं को झेल लेती हैं कि जो वो करता है वह ठीक ही करता है।
आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-क्यों बुरा काम करने वाले लोग इतने सुखी होते हैं, मजे में होते हैं और वहीं अच्छे लोग हमेशा पूजा पाठ करते दिखते हैं किंतु दुखी होते हैं?दरअसल, मैं बचपन से अपनी नानी जी को देखता आया हूँ। वे नियमित पाठ पूजा करती हैं और ईश्वर पर इतना विश्वास है कि बस यह कह कर सारी समस्याओं को झेल लेती हैं कि जो वो करता है वह ठीक ही करता है।नानी जी को मैंने बहुत ज्यादा दुख में देखा है। गरीबी, कुछ बेटियों (उनकी 5 बेटियाँ हैं) की शादी के बाद कि समस्याएं, रिश्तेदारों के झूठे इल्जाम, जवान बेटे की मौत और अंततः इस उम्र में कैंसर का पता चलना।
आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-क्यों बुरा काम करने वाले लोग इतने सुखी होते हैं, मजे में होते हैं और वहीं अच्छे लोग हमेशा पूजा पाठ करते दिखते हैं किंतु दुखी होते हैं?दरअसल, मैं बचपन से अपनी नानी जी को देखता आया हूँ। वे नियमित पाठ पूजा करती हैं और ईश्वर पर इतना विश्वास है कि बस यह कह कर सारी समस्याओं को झेल लेती हैं कि जो वो करता है वह ठीक ही करता है।नानी जी को मैंने बहुत ज्यादा दुख में देखा है। गरीबी, कुछ बेटियों (उनकी 5 बेटियाँ हैं) की शादी के बाद कि समस्याएं, रिश्तेदारों के झूठे इल्जाम, जवान बेटे की मौत और अंततः इस उम्र में कैंसर का पता चलना।आज तक उस स्त्री ने किसी का बुरा नही चाहा, किसी को कुछ नही कहा, अपनी इच्छाएं नही जताई, किसी भी क्षण ईश्वर को भुला नही फिर उनके साथ ऐसा क्यों हुआ? वह तो अच्छी इंसान हैं।
बुरे कर्म करने वाले को कष्ट झेलने पड़ते हैं। संसार में कभी ऐसा भी देखा जाता है कि अच्छे कार्य करने वाला दंड भुगतता है और बुरे काम करने वाले खुशहाल होते हैं। यह स्थिति अधिक दिनों तक नहीं रहती ।
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आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-
आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-
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आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-क्यों बुरा काम करने वाले लोग इतने सुखी होते हैं, मजे में होते हैं और वहीं अच्छे लोग हमेशा पूजा पाठ करते दिखते हैं किंतु दुखी होते हैं?दरअसल, मैं बचपन से अपनी नानी जी को देखता आया हूँ। वे नियमित पाठ पूजा करती हैं और ईश्वर पर इतना विश्वास है कि बस यह कह कर सारी समस्याओं को झेल लेती हैं कि जो वो करता है वह ठीक ही करता है।
आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-क्यों बुरा काम करने वाले लोग इतने सुखी होते हैं, मजे में होते हैं और वहीं अच्छे लोग हमेशा पूजा पाठ करते दिखते हैं किंतु दुखी होते हैं?दरअसल, मैं बचपन से अपनी नानी जी को देखता आया हूँ। वे नियमित पाठ पूजा करती हैं और ईश्वर पर इतना विश्वास है कि बस यह कह कर सारी समस्याओं को झेल लेती हैं कि जो वो करता है वह ठीक ही करता है।नानी जी को मैंने बहुत ज्यादा दुख में देखा है। गरीबी, कुछ बेटियों (उनकी 5 बेटियाँ हैं) की शादी के बाद कि समस्याएं, रिश्तेदारों के झूठे इल्जाम, जवान बेटे की मौत और अंततः इस उम्र में कैंसर का पता चलना।
आज बहुत बढ़िया प्रश्न मिला मुझे उत्तर लिखने के लिए। शायद इसलिए क्योंकि ये मेरे मन का प्रश्न है और तब का है जब से मैं थोड़ा इस क्षेत्र में रुचि लेना चालू किया था। मेरे कुछ प्रश्न थे जैसे कि-हम दुनिया मे क्यों आए हैं? मनुष्य का जीवनकाल निश्चित ही क्यों होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है? और इन्हीं प्रश्नों के बीच एक यह भी प्रश्न था कि-क्यों बुरा काम करने वाले लोग इतने सुखी होते हैं, मजे में होते हैं और वहीं अच्छे लोग हमेशा पूजा पाठ करते दिखते हैं किंतु दुखी होते हैं?दरअसल, मैं बचपन से अपनी नानी जी को देखता आया हूँ। वे नियमित पाठ पूजा करती हैं और ईश्वर पर इतना विश्वास है कि बस यह कह कर सारी समस्याओं को झेल लेती हैं कि जो वो करता है वह ठीक ही करता है।नानी जी को मैंने बहुत ज्यादा दुख में देखा है। गरीबी, कुछ बेटियों (उनकी 5 बेटियाँ हैं) की शादी के बाद कि समस्याएं, रिश्तेदारों के झूठे इल्जाम, जवान बेटे की मौत और अंततः इस उम्र में कैंसर का पता चलना।आज तक उस स्त्री ने किसी का बुरा नही चाहा, किसी को कुछ नही कहा, अपनी इच्छाएं नही जताई, किसी भी क्षण ईश्वर को भुला नही फिर उनके साथ ऐसा क्यों हुआ? वह तो अच्छी इंसान हैं।
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बुरे कर्म करने वाले को कष्ट झेलने पड़ते हैं। संसार में कभी ऐसा भी देखा जाता है कि अच्छे कार्य करने वाला दंड भुगतता है और बुरे काम करने वाले खुशहाल होते हैं। यह स्थिति अधिक दिनों तक नहीं रहती ।
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